पूरे देश में कोरोनावायरस से हाहाकार मचा हुआ है, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोरोना की लहर से त्राहिमाम कर रही है। कोरोना के चलते प्रदेश की राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है मरीजों को अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है और जीने के लिए जरूरी दवाइयों का तो बुरा हाल है। दो-दो, तीन-तीन दिन से मरीजों को दवाइयां तक नहीं मिल रही है। सरकार के द्वारा जिन अफसरों के नंबर चस्पा किए गए हैं वह नंबर आउट ऑफ रीच हैं। 


कोरोना के चलते लखनऊ सबसे ज्यादा पीड़ित है। लखनऊ के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन ना होने के कारण मरीजों 2 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है और इलाज के लिए तड़पना पड़ रहा है। कई अस्पतालों में किल्लत के बाद मरीजों के परिजनों के सामने कोई रास्ता नहीं बचा है यही वजह है कि परिजन इधर से उधर सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए दौड़ रहे हैं।


लखनऊ में 5000 से ज्यादा नए केस रोज निकल कर सामने आ रहे हैं हालत यह है कि अब अस्पतालों में बेड नहीं है बेड है तो ऑक्सीजन नहीं है, पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर नहीं है सरकार के सारे दावे अकेले राजधानी लखनऊ में ही दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। जाहिर है कोरोनावायरस के चलते लखनऊ की वर्षों से जारी वह परिभाषा बदल गई है जिसमें कहा जाता था कि मुस्कुराइए आप लखनऊ में है अब कहा जाना चाहिए कि 2 मिनट का मौन रखिए बेशक आप लखनऊ में हैैं।

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