गुरुग्राम के मानेसर में बीते 3 जुलाई को एक हिंदुओं की महापंचायत हुई थी जिसमें मानेसर और गुरुग्राम के तमाम इलाकों में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी व रोहिंग्या लोगों को चेतावनी दी गई थी कि यदि उन्होंने समय रहते गुरुग्राम नहीं छोड़ा तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
हिंदुओं की इस महापंचायत में तमाम स्थानीय निवासियों को जागरूक किया गया और उनसे अपील की गई थी कि वह अपने इलाके में रहने वाले तमाम अल्पसंख्यक समाज के लोगों का आधार व उनका आईडेंटिटी कार्ड चेक करें।
साथ ही साथ इस महापंचायत में प्रशासन को भी चेतावनी दी गई थी कि यदि समय रहते कार्यवाही नहीं की गई तो पूरे गुरुग्राम और मानेसर के 44 गांव मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे और आखिरकार इस चेतावनी का असर हुआ है मानेसर सेक्टर वन के एक बड़े इलाके से तकरीबन 500-800 झुग्गियों में रहने वाले बांग्लादेशी रोहिंग्या रातों-रात गायब हो गए हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 2000 लोग अब से 3 दिन पहले रातों-रात गायब हो गए और वह अपनी झुग्गियां व तमाम समान को वहीं छोड़ गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि महापंचायत के बाद उनमें जागरूकता आई थी और वे लोग उन झुग्गियों में रहने वाले लोगों से उनका आधार व आइडियलिटी नंबर लगातार पूछ रहे थे, इसका असर यह हुआ कि दबाव बड़ता देखकर वह लोग रातों-रात जरूरी सामान लेकर वहां से गायब हो गए।
अब तक आपने सुना होगा कि दबाव बढ़ता देखकर हिंदू ही पलायन करते थे मगर यह गुरुग्राम मानेसर की हिंदुओं की एकजुटता का कमाल है कि बांग्लादेशी रोहिंग्या लोगों को भी वहां से पलायन करना पड़ गया।
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