तालमहल एक हिंदू मंदिर था, इस लेख में हम आपको अवगत करा रहे हैं 100% फैक्ट्स से। इतिहासकार पी एन ओक ने इसे साबित करते हुए ताजमहल की कई तस्वीरें ली थीं और फरेबी कम्युनिस्ट इतिहासकारों से इस मुद्दे पर बहस करने को कहा था। मगर मुगलों की थैली से बिके हुए इन लोगों ने आजतक कोई जवाब नहीं दिया है। पेश है तस्वीर के आधार पर तेजोमहालय के असल साक्ष्य…
तस्वीर से साबित होता है कि ताज की यह इमारत अष्टकोणीय है क्योंकि हिंदू 10 दिशाओं में विश्वास करते हैं। ऊंची मीनार स्वर्ग और नींव नीचे के जगत की ओर इशारा करते हुए दुनिया को 10 दिशाओं के बारे में बताती है। माना जाता है कि देवत्व और रॉयल्टी का उन सभी 10 दिशाओं में बोलबाला है, क्योंकि हिंदू परंपरा में रॉयल्टी और देवत्व से जुड़ी इमारतों में कुछ अष्टकोणीय विशेषताएं होनी चाहिए। ये अष्टकोणीय विशेषता साबित करती है कि ताजमहल कभी न कभी हिंदू इमारत थी।
गुंबद के सिर पर कमल के फूल की टोपी एक हिंदू विशेषता है। जबकि मुस्लिम गुंबद गंजे होते हैं। ताज में संगमरमर की संरचना के नीचे लाल पत्थर वाले 2 फ्लोर हैं जो नदी के स्तर तक पहुँचते हैं। 7 वीं मंज़िल नदी के स्तर से नीचे होनी चाहिए क्योंकि प्रत्येक प्राचीन हिंदू ऐतिहासिक इमारत में एक तहखाना होता था। इस प्रकार, ताज एक सात मंजिला संरचना है।…
(अगली तस्वीर के साथ शेष अगले अंक में)
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