देश के अलग-अलग हिस्सों में मदरसों के अंदर किस तरह से हैवानियत और आंतक की तालीम दी जाती है ये किसी से छिपी नहीं है. वहीं इन दिनों अवैध मदरसों पर कार्रवाई को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और असम की हिमंता सरकार ने जबरदस्त एक्शन लिये हैं. लेकिन उन लोगों का क्या जो अवैध मदरसे पर कार्रवाई को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते हैं, मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों का हवाला देकर सरकार पर निशाना साधते हैं?
लेकिन हरियाणा के एक मदरसे में घटी घटना ऐसे लोगों को मदरसे की सच्चाई बताने के लिए काफी है. दरअसल हरियाणा के नूंह के एक मदरसे में पढ़ने वाले 11 साल के मासूम का शव मिलने से इलाके में हडकंप मच गया है. बताया जा रहा है कि समीर नाम का लड़का 3 दिनों से गायब था और अब उसकी बॉडी मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है.
इस बीच सबसे हैरानी करने वाली बात ये है कि नूंह के जिस मदरसे में मासूम का शव मिला है, वहां हर रोज दूसरे बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. यहां रह रहे लोगों के मुताबिक बदबू आने के बाद यहां से लाश मिली है. परिवारवालों के मुताबिक, 3 तारीख से समीर घर नहीं पहुंचा था, जबकि परिवारवाले इसे मदरसे तक भी ढूंढने आए थे. लेकिन, अंदर नहीं गए. समीर के ताऊ इकबाल ने आशंका जताई कि समीर की हत्या की गई हैं और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामी मदरसा दरगाह शाह चौका के मुताबिक समीर एक साल से यहां उर्दू और अरबी की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन शनिवार 3 सितंबर को शाम 7 बजे बच्चों की हाजरी के वक्त गायब था. मृतक के ताऊ ने बताया कि 11 साल के समीर के पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. हम गरीब परिवार से हैं, इसलिए वह पिछले एक साल से मदरसा में इस्लामी पढ़ाई कर रहा था. जिस दिन समीर गायब हुआ था, मदरसा संचालक ने इसकी फोन से सूचना दी थी, जिसके बाद कई जगह तलाश की गई. रिपोर्ट के मुताबिक समीर एक साल से उनके मदरसा में उर्दू और अरबी की पढ़ाई कर रहा था.
दरअसल आये दिन अलग-अलग मदरसों में तालीम के बहाने जिस तरह से बच्चों के साथ हैवानियत और आतंक को पालने-पोषने का काम चल रहा है उसके लेकर अब जोरदार तरीके से कार्रवाई की जा रही है. लेकिन इस बीच उन नेताओं को अपनी तुष्टिकरण की पट्टी उतारकर ऐसे मदरसों पर कार्रवाई को लेकर सरकार के साथ खड़े होना चाहिए न कि सरकार पर सवाल उठाना चाहिए.
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