ज्ञानवापी विवादित ढांचे को लेकर वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को फैसला सुना दिया। फैसला हिन्दुओं के पक्ष में आया है और याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। मतलब अब श्रृंगार गौरी की पूजा के सम्बन्ध में हिन्दू महिलाओं की याचिका सुने जाने योग्य है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर, 2022 को होगी। फैसले के बाद वकील विष्णु जैन और हिन्दू महिलाएं खुश नजर आईं।
वहीं इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि कोर्ट का आदेश उचित नहीं है और वे इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों की टीम अदालत के फैसले के बारे में विस्तार से बताएगी और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन जहां जिला कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष झूम उठा. कोर्ट के बाहर मिठाइयां बांटी गईं. सोशल मीडिया पर हर-हर महादेव गूंज उठा वहीं दूसरे खेमे के लोगों को फैसला आते ही मानो बरनॉल की जरुरत पड़ गई. अपना एजेंडा चलाने वाली पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी ने ट्वीट कर लिखा कि “हर रोज़ एक नया ज़ख़्म !”
हर रोज़ एक नया ज़ख़्म !
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) September 12, 2022
लेकिन मोहतरमा को कौन बताएं ऐसे जख्मों की आप आदत डाल लीजिए. ऐसे जख्म आपको रोज मिलते रहेंगे. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. दरअसल ज्ञानवापी ढांचे पर कोर्ट के निर्णय के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कोर्ट के फैसले का जिक्र तो नहीं किया है, लेकिन उनके ट्वीट की जो टाइमिंग थी उसका इशारा बेहद साफ था.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट में लिखा- ‘करवट लेती मथुरा, काशी!’ हालांकि, केशव प्रसाद ने दो और भी ट्वीट किए हैं. इनमें एक ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘बाबा विश्वनाथ जी मां शृंगार गौरी मंदिर मामले में माननीय न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूं,सभी लोग फैसले का सम्मान करें!’ दूसरे ट्वीट में मौर्य ने लिखा- ‘सत्यम शिवम् सुंदरम.’
करवट लेती मथुरा, काशी!
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) September 12, 2022
बता दें कि मौर्य लगातार अपने बयानों में अयोध्या, मथुरा और काशी में मंदिर का जिक्र करते रहे हैं. इसे लेकर मुखर भी देखे गए हैं. दिसंबर 2021 में भी केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था- ‘अयोध्या और काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है और मथुरा की तैयारी है.’ उन्होंने ‘#जय_श्रीराम, #जय_शिव_शम्भू, #जय_श्री_राधे_कृष्ण’ का नारा भी दिया था.
दरअसल अयोध्या-काशी-मथुरा शुरू से ही बीजेपी के एजेंडे में शामिल रहे हैं.
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