आपको फिल्म चाइना गेट का वो खलनायक डाकू जागीरा याद है , जिसका डायलॉग बहुत प्रसिद्ध हुआ था :
मेरे मन को भाया , मैं कुत्ता काट के खाया | इस सिनेमा में इस खलनायक के ऊपर आसमान में गिद्ध साथ साथ चलते थे क्यूंकि उन्हें पता था कि ,अब लाश गिरने वाली है और उसे नोंच नोंच के खाने का मौक़ा भी |

ठीक यही हो रहा है आज के दौर में | भाजपा सरकार , मोदी योगी से कुछ मुट्ठी भर लोगों की नफरत ने आज उन्हें इस कदर अँधा कर दिया है कि वे संवेदनाहीन होकर , लाशों के ऊपर मँडराने वाले गिद्ध जैसे हो गए हैं और मौक़ा मिलते ही अपने पंजों चोंच के साथ नोंचने खाने के लिए प्रकट हो जाते हैं

हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसके बारे में मेरी फिलहाल सिर्फ ये प्रतिक्रिया है कि ,

अब सोशल मीडिया पर रहते हुए एक दशक से अधिक समय बीत चुका है , इसलिए किसी भी घटना /दुर्घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देता | समय और सच की प्रतीक्षा करना ही श्रेयस्कर लगता है | किन्तु हाथरस की घटना में एक बात तो सर्वथा सत्य है कि उस निरपराध लड़की की ह्त्या कर दी गई और समाज ,पुलिस , प्रशासन सबकी चिता आधी रात को (फिर चाहे वो कोई भी विवशता हो ) फूंक दी गई | नारी जाति के प्रति संसार और समाज की क्रूरता कभी कम नहीं होगी , कभी नहीं |

हाथरस मामले में क्या-क्या हुआ:१. सबसे पहली खबर आई कि जीभ काट दी गई, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई, गैंगरेप हुआ२. दूसरी…

मन की भड़ास यांनी वर पोस्ट केले बुधवार, ३० सप्टेंबर, २०२०

हाथरस मामले में क्या-क्या हुआ:
१. सबसे पहली खबर आई कि जीभ काट दी गई, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई, गैंगरेप हुआ
२. दूसरी खबर आई कि ‘ऊँची जाति’ के लोग थे, लड़की दलित थी इसलिए गैंगरेप हुआ और पुलिस ऊँची जाति के अपराधियों को बचा रही है।
३. तीसरी खबर में पुलिस ने जीभ कटने, रीढ़ की हड्डी टूटने का खंडन किया। पीड़िता के स्वयं के बयान देने के वीडियो हैं जहाँ वो बोल रही है, अस्पताल में बेड पर है।
४. जल्द ही फिर मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह कहा गया कि ‘किसी भी तरह के दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।’ इसी संदर्भ में IG ने बताया कि पीड़िता ने अपने शुरुआती, और दोबारा दिए बयान में कहीं भी रेप का जिक्र नहीं किया है।
५. इसके बाद खबर आई कि लाश को ‘पुलिस ने जबरन जला दिया’। इसका भी खंडन पुलिस ने किया और कहा कि लाश को मुखाग्नि ‘पिता-दादा’ एवम् परिजनों की उपस्थिति में दी गई। कुछ लोग कह रहे हैं कि सूर्यास्त के बाद लाश नहीं जलाई जाती, जो कि अनभिज्ञता है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि पुलिस ने परिवार को समझा-बुझा कर दाह संस्कार कराया हो क्योंकि शरीर decompose हो रहा था ।
६. अगली खबर यह आई कि दोनों परिवारों के बीच झगड़ा चल रहा था और पीड़िता की माताजी के बयान के अनुसार संदीप नाम के व्यक्ति ने पारिवारिक रंजिश की वजह से हमला किया। पुलिस की नई टीम गठित कर मुख्यमंत्री ने सात दिनों में रिपोर्ट माँगी है और मामला फास्टट्रैक कोर्ट में निपटाने कहा है। चार अभियुक्त पकड़े जा चुके हैं।

इस लिंक पर यहां लड़की के 3 वीडियो हैं बाकी आप स्वयं समझदार है रही बात दोषी की तो उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए

अब बात सरकार और उसके द्वारा उठाए गए त्वरित कदम की , प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ,तुरंत जो करना सही समझा और किया वो ये है :-
पीड़िता के परिवार से तुरंत बात कर उन्हें सांत्वना और अपराधियों को कठोरतम दंड देने का आश्वासन दिया

परिवार को आर्थिक सम्बल और सहायता हेतु 25 लाख की धनराशि , नौकरी और घर मुहैया करवाने की घोषणा की |

मुक़दमे के जल्द निस्तारण के लिए उसे त्वरित अदालत में चलाए जाने की अनुशंसा की

खुद प्रधानमंत्री मोदी को सारी घटना से अवगत करा कर सब जानकारी दी |

अब एक बार राजधानी की झाड़ू सरकार के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी ,जिसने पूरे देश को झकझोर देने वाले निर्भया काँड के सबसे क्रूर अपराधी को ही दोबारा से नया जीवन शुरू करने के लिए दस हज़ार रुपये और एक सिलाई मशीन दी | अब उनका रुख और व्यवहार भी देख लीजिए

बात बात पर मोमबत्ती बैनर और पोस्टर लेकर , एक नकली मुखौटा लगाए इन लोगों को ये याद नहीं रहता कि ,ऐसे ही एक झाड़ू छाप धरने में एक किसान ने इनके सामने ही आत्महत्या कर ली थी और ये सारी मोमबत्तियाँ एक साथ बुझ गईं थी मगर एक इनकी शर्म है जो नहीं पिघली | हैरानी होती है कि ये पार्टी अलग और ईमनादार राजनीति का दम भरती है |

इनके अलावा प्रियंका , राहुल, अखिलेश जैसे था भीम आर्मी के रावण जैसे मौकापरस्त और निहायत ही स्वार्थी हो चुके लोग तो मोदी योगी के राज़ और लोकप्रियता से जलभुन कर जाने कबके एक ऐसी मशीन में परिवर्तित हो चुके हैं जो इन घटनाओं /दुर्घटनाओं /अपराधों की भनक लगते है अपनी केंचुली उतार कर बाहर आ जाते हैं और फिर शोर शराबा करके बिलों में छुप जाते हैं |

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