तेजस्वी यादव तुम गप छोड़ो, बिहार की जनता लपेट रही है!
पढ़ाई-लिखाई तो की नहीं और हिसाब-किताब भी कहां आता होगा। बोलने में क्या जाता है। ऐसे नेताओं को अगर जनता वोट देगी तो बिहार का क्या हश्र होगा, फिर से जंगलराज होगा....
पढ़ाई-लिखाई तो की नहीं और हिसाब-किताब भी कहां आता होगा। बोलने में क्या जाता है। ऐसे नेताओं को अगर जनता वोट देगी तो बिहार का क्या हश्र होगा, फिर से जंगलराज होगा....
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं। नीतिश सरकार को सत्ता से बेदखल करने का चुनौतीपूर्ण काम राष्ट्रीय जनता दल के लालटेन यानी तेजस्वी यादव के हाथों में है। नीतिश चचा को कुर्सी से हटाने के लिये तेजस्वी यादव ने युवाओं को टारगेट किया है। बेरोजगारी देश ही नहीं बिहार में भी बड़ा मुद्दा है। इसलिये लालू के लाल ने घोषणा कर डाली है कि उनकी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में 10 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
इस लंबी-चौड़ी और लुभावी चुनावी घोषणा के बाद लोग सोशल मीडिया पर तेजस्वी को खूब घेर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी इस घोषणा पर खूब चटकारे लेकर ट्विट किये जा रहे हैं।
अधिकतर लोगों का सवाल यह है कि कहां से 10 लाख युवाओं को तुरंत नौकरी दे देंगे? उनको सैलरी भी देना पड़ता है! एक यूजर ने ट्विट किया है कि स्टेट ट्रेजरी कैसे काम करता है ये समझ है नहीं इसलिए इतना बड़ा गोला छोड़ दिए।
तेजस्वी के बहाने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को भी लोगों ने खूब घेरा है। यूजर्स लिखते हैं कि राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के चुनाव में ढेर सारी नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देने की बात की थी। लेकिन वहां की सरकारों ने क्या किया, वो दिख रहा है।
वहीं कुछ यूजर्स ने तेजस्वी को याद दिलाया है कि कुछ ऐसा ही वादा झारखंड में महागठबंधन ने चुनाव पूर्व किया था। युवाओं को नौकरी,बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता,किसानों की कर्ज माफी आदि। दस महीने होने को है, लेकिन ना झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने, ना कांग्रेस ने इस पर कोई अमल किया है और ना ही आपकी पार्टी ने युवाओं के लिए आवाज बुलंद की है। हां एकदम आप की सरकार तो अन्य इंडस्ट्री खोलने में भी माहिर हैं।
एक यूजर लिखता है कि कभी तूने सरकारी नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी, पेपर लीक (दरोगा, बीएसएससी, बीपीएससी, बिहार पुलिस, शिक्षक बहाली, नर्स बहाली) का विरोध नहीं किया। परीक्षार्थी बड़ी संख्या में प्रोटेस्ट करते रहे, लाठियां खाते रहे तुमसे मदद मांगते रहे लेकिन तू चचा के साथ था।
एक यूजर्स ओमकार ने खिंचाई करते हुए लिखा है कि चार्टर प्लेन में केक काटेंगे, बड़का मॉल बनवायेंगे, देख चुनाव नगीचे भइया किसान बन टट्टर चलाएंगे, ठीक है ?
एक यूजर्स लिखता है कि, वैसे कोई घोषणा करने पर कोई जीएसटी नहीं लगता है लेकिन कुछ ज्यादा नहीं बोल दिया है?
एक यूजर्स लिखता है कि अगर घोषणा करने और घोषणा पत्र में लिखने से हो जाता तो आज कोई बेरोजगार नहीं होता। ऐसी कितनी पार्टिया हैं जो अपने किए वादे पूरा करती हैं।
एक यूजर्स लिखता है कि पढ़ाई-लिखाई तो की नहीं और हिसाब-किताब भी कहां आता होगा। बोलने में क्या जाता है। ऐसे नेताओं को अगर जनता वोट देगी तो बिहार का क्या हश्र होगा, फिर से जंगलराज होगा, अब जनता को समझना होगा, मेरे हिसाब से तो ऐसे नेताओं को वोट देना ही नहीं चाहिये, कोई अनुभव नहीं है।
एक यूजर्स लिखता है कि, हां एकदम आप की सरकार तो अन्य इंडस्ट्री खोलने में भी माहिर हैं। लूट, चोरी, किडनैपिंग की इंडस्ट्री से लाखों को रोजगार देंगे। इनोवेटिव इंडस्ट्री खोलने में तो माहिर रही हैं आरजेडी।
एक अन्य यूजर्स लिखता है कि, भैया.. दांव तो बड़ा बढ़िया चला है लेकिन पता नहीं काहे अंदर से फीलिंग नहीं आ रहा कि ये ऐसा कर पाएगा..!!
कुछ यूजर्स ने तेजस्वी का साथ भी दिया है लेकिन शर्त के साथ। ऐसा ही एक यूजर्स लिखता है, आज तक सभी सरकारों ने युवाओं को सिर्फ ठगने का काम किया है। आज सबसे ज्यादा परेशान बिहार का युवा है, उम्मीद करता हूं कि आप अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए सरकार बनते ही नौजवानों की समस्याओं विशेष रुप से बेरोजगारी से निजात दिलाएंगे हम सभी बिहार के युवा आपके साथ हैं। ऐसे यूजर्स की संख्या कम ही है जो तेजस्वी के वायदे ठीक मानकर उनका साथ देने की बात करते हैं।
एक यूजर्स नीरज कुमार लिखते हैं कि, जनाब! याद रखना हम युवा हिसाब मांगेंगे तब लाठी मत चटकाना, ध्यान रखना! युवा जिसपे भरोसा करता है उसे राजा वरना रंक भी बनाना जानता है ?
एक अन्य यूजर्स सौरभ सिंह लिखते हैं कि, इतना भी मत फेंकिये की लपेटाए ही नहीं।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.