पूरी दुनिया में अपने आतंक से अपना गज़वा ए फतह करने का मंसूबा पाले तमाम आतंकी संगठनों जैसे ISISI , तालिबान समेत सभी के सभी के दुर्दांत से दुर्दांत आतंकी भी जिस एक बात के खौफ से नींद में भी परेशान रहते हैं वो ये है कि -आतंक के इस रास्ते पर चलते हुए कहीं , उसका सामना किसी कुर्द महिला सैनिक से न हो जाए और अगर हो जाए तो इससे पहले कि वो उस महिला सैनिक के हाथों मारा जाए खुदा उसे बस इतनी मोहलत बख्श दें कि वो खुद ही खुद को ख़त्म कर ले |
अब ये भी जान लीजिए कि आखिर कुर्द महिला सैनिकों के सामने से भी पड़ने से क्यों घबराने लगते हैं ये जेहादी | असल में बकौल इनके , इन्हें इनके रहनुमाओं /मौलानाओं /गाज़ी लोगों ने सावधान किया हुआ है कि यदि इस लड़ाई में उनकी मौत किसी ख़वातीन के हाथों हुई तो फिर न तो उन्हें ज़न्नत नसीब होगी और न ही वहां के कोटे के हिसाब से इन जेहादियों को मिलने वाली 72 हूरें |
असल में सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के कारण वहां जेहादी अक्सर इन कुर्द बस्तियों पर हमले करके इन्हें बर्बाद कर देते थे और इनकी महिलाओं युवतियों को बंधक बना कर अपने आतंकी कैम्पों में सालों साल यौन कैदी के रूप में इनका शोषण और बलात्कार करते थे |
इससे आजिज आकर कुर्द महिलाओं ने खुद ही मोर्चा सम्भाला और फिर 2017 में इस विशेष दस्ते का गठन किया गया जिसमे अब एक लाख के करीब कुर्द महिला सैनिक ,कमांडो और शार्प शूटर के रूप में जेहादियों पर कहर बरपा रही हैं |
अन्य वैश्विक सुरक्षा बलों और कुर्द सेना के साथ मिल कर ये दस्ता गुरिल्ला युद्ध सहित अन्य सभी तरह के आतंक विरोधी युद्ध और संघर्ष का अहम् हिस्सा होता है | जब से कुर्द महिला सैनिकों को जेहादियों के इस डर का पता चला है तभी से वे हर मोर्चे पर सबसे आगे की पंक्ति में तैनात मिलती हैं |
बताइये भला अब इसमें और क्या कहा जा सकता है सिवा इसके :
लाहौर बिना कुव्वैत , या अल्लाह
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