देश के एक बड़े नामचीन मगर बहुत छोटे से दिल वाले मुग़ल साईर को हम सबने टीवी और सोशल साइट्स पर बड़े ही गोलमगोल होकर ये कहते हुए देखा और सुना कि ” हम तो मार देंगे , हम तो मार देंगे ” | क्यों मार देंगे ??
अरे अगर कोई मेरे बाप की , मेरी माँ की , मेरे आराध्य की ऐसी फोटो और कार्टून बनाएगा तो क्या करेंगे ? कोई बात नहीं , कोई कानून नहीं , हम तो मार देंगे जी , बस मार देंगे |
जे बात , जे हुई न कुछ खुल्लम खुल्ला | अच्छा साईर मियाँ इस हिसाब से आपके मरहूम चिचा मियाँ मकबूल फ़िदा हुसैन , इस कमज़र्फ ठरकी बुड्ढे ने पेंटिग्स के नाम पर जो बेहूदगी और मक्कारी दिखाई थी , इसके लिए उस बुढऊ को कितनी बार मारा जाना चाहिए था ??
अब सुनो रे उबले हुए साईर , उस समय तुम लोगों की मुगलपरस्ती वाली मुगलप्रिय कांग्रेस सरकार ने इस मकबूल को हिन्दुओं को अपमानित करने वाले इस गजब के कलाकार को घनघोर पुरस्कारों से भी नवाजा था | यानि लोगों का तो क्या कहें खुद सरकार ही वजीफे दे रही थी |
M F Hussain को कांग्रेस द्वारा National Film Award के साथ Padma Vibhushan, Padma Bhushan और Padma Shri ये सारे अवॉर्ड्स बार बार बुला कर दिए जाते रहे हैं | क्या पता ज़िंदा होता तो शायद भारत रत्न की दावेदारी भी ठोंक ही देते मुगलिये इसके लिए |
और देखो , हाल फिलहाल में भी , तुम्हारे मुगलिया सनक वाली ही ये एक कोई कंपनी वस्त्रों पर इन चित्रों को बना कर भारतीय देवी देवताओं का , सनातन का अपमान करने का जो कुत्सित प्रयास कर रही है , इसका बदला लेने के लिए फिर हिन्दुओं को कितनी बस्तियॉं , कितने देश जलाने बर्बाद करने हैं ?? या अब तक कितने किये गए हैं ?
तो कार्टून कहाँ बना , फ़्रांस में , बनाया किसने एक फ्रांसीसी नागरिक ने , उसे दिखाया छापा किसने ? उसे दिखाया किसने ? सब फ्रांस पेरिस में ही | इसके लिए मारा किसने रूसी चेचेन्या के सनकी ने , किसके कहने पर -तुर्की और पाकिस्तान के उकसाने पर |
और तुम “मार डालेंगे , हाँ जी हम तो मार देंगे ” कह कर अपनी खूनी तलवारें खंजर लिए निकल पड़े सड़कों पर ,चौराहों पर ? किसका विरोध करना है भाई ?
फ्रांस का -तो फ्रांस में जाकर करो
कार्टून का -तो तुम भी कार्टून फिल्म बना कर करो
फ़्राँसीसियों के सामान का -अबे घर में एक फ्रेंच फ्राई नहीं खाते तुम , दाढ़ी बुर्के में फ्रेंच किस का भी कोई सब्जेक्ट नहीं है , तो विरोध करोगे किस चीज़ का | फ्रांस बीड़ी ,उस्तरे , सिलाई मशीन आदि नहीं बनाता रे बेचारे पगलों |
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