स्वयं_पढ़े_और_बच्चों को भी अनिवार्यतः पढ़ाएं ।।
एक ओर जहाँ ईसामसीह को सिर्फ चार_कीलों से ठोकी गई है वहीँ भीष्म_पितामह को धनुर्धर अर्जुन ने सैकड़ों बाणों से ।
कीलों से ठोकें जाने के तीसरे दिन ईसा कीलें निकलने से होश में आ गए थे वहीं पितामह 49 दिनों तक लगातार बाणों के बिस्तर में पूरे होश में रहे और जीवन,अध्यात्म का अमूल्य प्रवचन,ज्ञान भी दिया और अपनी इच्छा से अपने शरीर त्याग दिया ।
सोचें कि पितामह भीष्म की तरह अनगिनत त्यागी महापुरुष हमारे भारत वर्ष में हुये ।
किन्तु धनुर्धर अर्जुन के सैकड़ों बाणों से छलनी किए पितामह भीष्म को जब हमने भगवान् नहीं माना तो चार कीलों से ठोकें जाने पर ईसा को God क्यों माने…..???
ईसा का भारत से क्या संबंध है…???
25December क्यों मनायें…???
क्यों बने सेन्टा क्लाज…???
क्यों लगायें क्रिसमस ट्री…???
कदापि नहीं इस पाखण्ड में नहीं फसाना है न फ़साने देना है
हमारे पास हमारे पूर्वजों की विरासत में मिली विज्ञानपूर्ण सनातन संस्कृति है जो हमारे जीवन को महिमामय गौरवपूर्ण बना सकती है
अपने बच्चों को इस कुचक्र से बचाओ!!
#जय_श्रीराम।
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