हम सौभाग्यशाली रहे कि हमें ऐसे चिंतक-विचारक-लेखक-प्रचारक का प्रत्यक्ष मार्गदर्शन एवं निकट साहचर्य प्राप्त हुआ।
संघ के सभी छह पूज्य सरसंघचालकों के सान्निध्य में कार्य करने का दुर्लभ अवसर प्राप्त था-श्रद्धेय मा.गो.वैद्य यानी माधव गोविंद वैद्य जी, जिन्हें उनके गृहनगर में बाबूराव वैद्य के नाम से भी जाना जाता था। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अत्यंत सरल भाषा में जनसाधारण को संघ-कार्य समझाया था। वे संघ के प्रथम प्रवक्ता और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख थे। वे उन गिने-चुने प्रचारकों में से थे, जो मीडिया के सार्थक उपयोग पर बल देते थे। वे कदाचित समय से आगे की सोचते थे और बदलते दौर में जनसंचार माध्यमों की उपयोगिता से भी परिचित थे। वे प्रतिष्ठित पत्र तरुण भारत के यशस्वी संपादक रहे। वे एक ऐसे गृहस्थ प्रचारक थे जिन्होंने अपनी संततियों को भी संघ-संस्कारों में दीक्षित किया। उनके दो पुत्र संघ के अखिल भारतीय अधिकारी और वरिष्ठ प्रचारक हैं।
मनमोहन वैद्य जी सह- सरकार्यवाह हैं, पूर्व में वे अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख भी रह चुके हैं। उनके दूसरे प्रचारक पुत्र श्रीराम वैद्य जी हैं, जो विदेश में हिंदू स्वयंसेवक संघ का दायित्व निर्वाह करते हैं।
राष्ट्रीय विचारों को आगे बढ़ाने में मा.गो.वैद्य उपाख्य बाबूराव जी वैद्य का अप्रतिम योगदान रहा है। उनका संपूर्ण जीवन समाज और देश को समर्पित था। ऐसे ऋषि तुल्य व्यक्तित्व की सामान्य उपस्थिति भी दिशादायी होती है। उनके अवसान से उत्पन्न रिक्तता को भर पाना कठिन होगा। पर विधि के विधान को कौन टाल सकता है! उनका पाथेय हमें सदैव दिशा देता रहेगा।
नागपुर में उनका आकस्मिक निधन हो गया। उनके गोलोकगमन पर क्रेटली परिवार शोक-संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। परम पिता परमेश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। क्रेटली-परिवार की ओर से दिवंगत पुण्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि।
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