शिव सेना के प्रवक्ता और ठाकरे परिवार के पत्रिका सामना के मुख्य संपादक संजय राऊत का नया बयान बहुत ही हास्यास्पद है।
राम मंदिर में मिलने वाले चंदे को धंधा तक बता दिया है। आखिर सेकुलरिज्म का नया भूत जो चढ़ा है शिव सेना को।
असल में जिस पार्टी का काम ही हफ्ता वसूली रहा हो उसे तो चंदे से समस्या होगी ही।
वैसे भी जिस दिन सत्ता सुख के लिए राम विरोधी पार्टियों से गठबंधन किया शिव सेना ने उस दिन ही इनका दोगला चरित्र देश के सामने आ गया था।
शिव सेना को शर्म से डूब मरना चाहिए ऐसे बयान देने से पहले।
इस तरह की बात करके हिन्दू धर्म का उपहास मत बनाओ हरामखोर संजय राऊत।
एक देशभक्त लेखक।
अमित कुमार।
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