दंगे चाहे दिल्ली में हो या बंगलौर में , फ्रांस में हो या आस्ट्रेलिया में इसके पीछे और इसकी साजिश रचने वाले हमेशा ही मुग़ल और इनकी जेहादी सोच से इत्तेफाक रखने वाले मुग़ल प्रेमी ही निकलते हैं। दिल्ली , असम के दंगों , हाथरस में हुए उपद्रव और बंगलौर में हुए भयानक दंगों के पीछे सोशल डेमोक्रेटक पार्टी ऑफ़ इंडिया कर पीपल्स फ्रंट और इंडिया के लोग ही मास्टर माईंड के रूप में यही लोग सामने आए हैं।
ज्ञात हो की बंगलौर में एक फेसबुक पोस्ट पर दी गई प्रतिक्रिया को मुद्दा बना कर पूरे बंगलौर को दंगों की आग में झोंक देने वाले लोग भी वही लोग निकले जो इस साल के शुरू में दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत को जलाने के जिम्मेदार थे। असल में सारे मुगलिये , राष्ट्रविरोधी ये लोग डेमोक्रेटिक पार्टी , पीपल्स फ्रंट जैसे नामों के पीछे अपने जेहादी सोच और घिनौने अपराध को अंजाम देने के अपने एजेंडे में लगे हुए हैं।
ये दोनों संगठन कभी वन्देमातरम का विरोध करते हैं तो कभी तिरंगे का ,कभी सनातन का विरोध करते हैं तो कभी देश का ही , कर ऐसा करने में ये कानून समाज इंसानियत सबकी हदों को तार तार करते हुए हमेशा ही हिंसा और अपराध के सहारे देश समाज की शान्ति और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। प्रतिबंधित संगठन सिमी के नए और उससे ज्यादा खतरनाक संस्करण बन कर उभरे इन दोनों संगठनों के असली मंसूबे अब देश और क़ानून के सामने नंगे हो चुके हैं।
आपको याद हो तो , शाहीन बाग़ में महिलाओं ,बुजुर्गों , और बच्चों को आगे करने का और बंगलौर में एक मंदिर के इर्द गिर्द मानव शृंखला का सुरक्षा घेरा बना कर अपने घृणित अपराधों को बड़े ही शातिराना तरीके से एक अलग रंग देने की कोशिश की गई थी ,मगर जल्दी ही इनकी असलियत ने इनकी सारी धूर्तता की कलई खोल दी।
एक के बाद एक हर अपराध ,उपद्रव ,दंगे फसाद के पीछे इनकी भूमिका और इनके लोगों की साजिश सामने आने के बाद इन दोनों को प्रतिबंधित करने की माँग अब जोर पकड़ती जा रही है जो स्वाभाविक ही है।
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