2014 में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चुन कर साफ संदेश दिया था कि तुष्टिकरण की राजनीति को अब यह देश बर्दाश्त नहीं करेगा। मगर कहते हैं कि सत्ता के चेहरे बदल जाते हैं मगर सत्ता चलाने की प्रथा कमोबेश वही रहती है ऐसा ही कुछ होता दिख रहा है वर्तमान सरकार के संदर्भ में। सीबीआई के पूर्व निदेशक रहे नागेश्वर राव ने एक ट्वीट कर सरकार के उस कदम पर आपत्ति जताई है जिसमें 14 कंपलसरी नेशनल होलीडे घोषित किए गए हैं जिनमें से हिंदुओं के सिर्फ दो Holiday हैं और मुसलमानों के चार हैं।


हैरानी की बात है कि हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को भारत सरकार ने नेशनल कंपलसरी Holiday घोषित किया है जबकि कई इस्लामी देशों में इस दिन अवकाश घोषित नहीं किया जाता है। जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो देश की बहुसंख्यक आबादी को महज दो अवकाश दीपावली और मिले हैं, जबकि 20 करोड़ आबादी वाले मुस्लिमों को 4 सार्वजनिक अवकाश मिले हैं। 

पूर्व सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बहुसंख्यक हिंदू आबादी के साथ एक बार फिर भेदभाव किया गया है 2021 के कैलेंडर में 3 सेक्युलर त्यौहारों 26 जनवरी, 15 अगस्त, गांधी जयंती पर छुट्टी है, एक जैन महावीर जयंती एक सिख गुरु नानक जयंती, एक बौद्ध बुद्ध पूर्णिमा, दो हिंदू दीपावली-दशहरा, दो क्रिश्चियन क्रिसमस-गुड फ्राइडे और 4 मुस्लिम त्यौहारों ईद उल फितर-ईद उल जुहा-ईद ए मिलाद, मुहर्रम पर छुट्टी की घोषणा की गई है।

बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर बहुसंख्यक 80 फ़ीसदी आबादी के लिए केवल 2 हॉलिडे और अल्पसंख्यक 20 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी के लिए 4 नेशनल हॉलीडे की घोषणा किस मानक और किस पैमाने के आधार पर की गई है ।

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