पाकिस्‍तान के उत्‍तरी हिस्‍से में स्थित स्‍वात घाटी में पुरातत्‍वविदों को 2000 साल पुराना बौद्ध मंदिर मिला है। यह इलाका पहले गंधार इलाके में आता था और बाद में सिकंदर ने इस पर हमला करके फतह हासिल कर लिया था। इसके बाद यहां पर बौद्ध आस्‍था पर यूनानी कला का असर देखा गया था। पुरातत्‍वविदों का अनुमान है कि यह बौद्ध मंदिर दूसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व के मध्‍य का है। उस समय गंधार पर यूनानियों का शासन था। उन्‍होंने बताया कि यह दुनिया के सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है।

पुरातत्‍वविदों ने बताया कि यह मंदिर एक अन्‍य प्राचीन मंदिर के अवशेष के ऊपर बनाया गया है जो तीसरी शताब्‍दी ईसापूर्व के काल का है। उन्‍होंने कहा कि इस मंदिर से यह साबित होता है कि भगवान बुद्ध के निधन के कुछ सौ साल के अंदर ही लोगों ने यह मंदिर बनाया था। भगवान बुद्ध का कार्यकाल 563 ईसापूर्व से 483 ईसापूर्व तक माना जाता है। भगवान बुद्ध का यह मंदिर पाकिस्‍तान के वर्तमान बारीकोट शहर के पास मिला है।

जाहिर है जब-जब अखंड भारत की बात की जाती है तब तब अफगानिस्तान, ईरान, सिंध प्रदेश को शामिल किया जाता है क्योंकि सत्य सनातन धर्म की जड़ें इतनी विशाल थी कि ये धर्म सबसे प्राचीन व सबसे बड़ा था मगर ध्यान में डूबी हुई इस सभ्यता को आक्रांता तलवार वालों ने अपने अत्याचारों के बूते पीछे धकेल दिया मगर जब-जब इस तरह के सबूत मिलते हैं तब तब सत्य सनातन का सूर्य चमक कर निकलता है और यह बताता है कि हां हैं हम सबसे प्राचीन..!

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