दिल्ली के मंगोलपुरी में जिस तरह से रिंकू शर्मा की हत्या की गई उसके बाद तमाम राजनीतिक पार्टियों की चुप्पी हिंदू समाज के हृदय में शूल की तरह चुभ रही है। सवाल उठ रहा है और उठाया जाना भी चाहिए कि यदि देश के किसी भी प्रांत में किसी मुस्लिम की हत्या हो जाती है तो कांग्रेस , समाजवादी पार्टी , वामपंथी पार्टियां ,आम आदमी पार्टी ,जेएनयू- जामिया गैंग जैसी तमाम आवाजें उस मृतक के प्रति हमदर्दी जताने में उठ जाती हैं, मगर जब देश में किसी हिंदू की सरेआम नृशंस तरीके से हत्या की जाती है तो खुद को हिंदुओं की झंडाबरदार बताने वाली पार्टी बीजेपी चुप क्यों रहती है? 


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी का तमाम महकमा अयोध्या में श्री राम मंदिर के बनने की खुशी में कार्यक्रम आयोजन करता दिखा। ऐसे में मंगोलपुरी के रिंकू शर्मा ने भी 5 अगस्त के दिन अपने इलाके में शोभायात्रा निकाली, उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह राम भक्त था। 5 अगस्त के दिन से मन में चल रहा मैल इतना कट्टर हो गया कि कट्टरपंथियों ने इकट्ठे होकर रिंकू शर्मा की पीठ में वार कर उसकी हत्या कर दी। दादरी के किसी इलाके में रहने वाले अखलाक की जब हत्या कर दी जाती है तब पूरे देश में लिबरल मीडिया के गैंग दादरी में जाकर लाइव रिपोर्टिंग करते हैं, विदेशी समाचार पत्रों में अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए खबरें छपवाते हैं और तमाम राजनेता वहां डेरा डाल लेते हैं, मगर रामभक्त रिंकू शर्मा की हत्या हुई है और राम के नाम पर वोट पाने वाली पार्टी बीजेपी मौन है। 


राम के नाम पर वोट पाने वाली पार्टी बीजेपी एक ‘राम भक्त’ की क्रूर हत्या पर इस तरह की चुप्पी कैसे साध सकती है? देश में हर किसी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि आखिर दूसरी विचारधारा के लोग अपने आदमी को हल्की सी खरोच लगने पर भी अंतर्राष्ट्रीय वितंडा बना सकते हैं और हिंदुओं के वोट से सत्ता के शिखर तक पहुंची राजनीतिक पार्टी राम भक्त हिंदू की हत्या पर चुप्पी की चादर कैसे ताने रह सकती है।

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