छत्तीसगढ़ की घटना खालिस्तानियों औऱ नक्सलियों के कॉम्बो का एक उदहारण है…. याद होगा इस फर्जी किसान आंदोलन में किसानों की एक मांग और थी वरावरा राव को रिहा करो…

ये वरावरा राव वही है जिसको भीमा कोरेगांव कांड में 2018 में UAPA के तहत सजा हो रखी है….इस राव जैसे नक्सली bsd के अपने को सोशल एक्टिविस्ट, टीचर , पोयट् , राइटर बला बला लिखतें है..

नक्सलियों की कमर लगभग टूट चुकी थी… छत्तीसगढ़ में एंटी बीजेपी सरकार बनती है… इनको ऑक्सीज़न मिलना शुरू हो जाता है…

नलिनी राजन , वरदराजन ,अरुन्धुति, पी भूषण , सायबा, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, कन्हिया , स्वरा, प्रकाश राज, शेखर गुप्ता, रवीश कुमार, और जेएनयू की लेफ्ट पोषित पूरी फर्टेनिटी जैसे अर्बन नक्सली नरभक्षक एक्टिव हो जाते है…

ये तो कुछ नाम है इनकी लॉबी ब्यूरोक्रेट्स से लेके सँविधान निर्धारित हर उस पोस्ट पर है जिसकी हम कल्पना नही कर सकते…… विवेक अग्निहोत्री की Buddha in traffic jam मूवी एक बार जरूर देख लेना समझ आ जायेगा …….

इनको दिक्कत थी फाइनेंस की जिसे पूरी की खालिस्तानियों ने …. इस घटना की विसात बहुत पहले ही लिख जा चुकी थी…

रॉकेट लांचर ,एके 47, एलएमजी से लैस 400 नक्सली पीएलजीए के कमांडर हिडिमा और इसके सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में सीआरपीएफ की एक बेस्ट यूनिट कोबरा यूनिट पे घात लगा के हमला करती है … और 23 जवान बलिदान हो जाते है इस देश के लिए…….

हिडिमा की तस्वीर है वरावरा राव के साथ … और वरावरा राव की रिहाई के लिए पूरी अर्बन नक्सल बिरादरी लग जाती है …. इसका इटरव्यू रवीश कुमार लेता है एनडीटीवी पर… किसान हितेषी नेता इसकी रिहाई की तस्वीर लेके बैठते है किसान आंदोलन में……..

अब भी कुछ बाक़ी है समझना…इतना समझिए कांग्रेस और लेफ्ट का समूल नाश जरूरी है इस देश मे….

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