कोरोना वायरस अब उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया है। अब तक मौत के ज्यादातर मामले शहरों से आ रहे थे, लेकिन छोटे जिलों व ग्रामीण इलाके में भी मौत का ग्राफ बढ़ने लगा है। आए दिन सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के तमाम ग्रामीण इलाकों से कोरोना के मरीजों की खबरें आ रही हैं।


ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले जिलों में मृत्यु दर में 15 से 25 अप्रैल के बीच 10.26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बांदा, झांसी, जौनपुर, सोनभद्र, बलिया, बस्ती, हाथरस, पीलीभीत, सहारनपुर, बिजनौर में 15 अप्रैल तक कुल मौत का आंकड़ा 935 था, जो 25 अप्रैल को बढ़कर 1,031 पर पहुंच गया। जबकि इन सभी जिलों में 10 अप्रैल से पहले मरने वालों की संख्या काफी कम थी। अब स्थिति इन जिलों में हर दिन किसी न किसी की मौत हो रही है। 

मार्च तक कोरोना वायरस का असर ज्यादातर शहरों तक सीमित था। ग्रामीण इलाकों में कभी-कभार संक्रमित मिल रहे थे। पर, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 31 मार्च को सिर्फ 2 जिलों में 100 से अधिक मरीज थे। 10 अप्रैल को 60 जिलों में 100 से कम मरीज थे। 15 अप्रैल को 26 जिलों में, 20 अप्रैल को 10 जिलों में और 25 अप्रैल को सिर्फ 6 जिले में 100 से कम मरीज हैं। शेष सभी जिलों में संख्या सौ से अधिक है।


10 अप्रैल से पहले गांव के लोग निश्चिंत नजर आ रहे थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। हर दिन किसी न किसी की मौत की खबर आ रही है। फर्रुखाबाद सहित आसपास के जिलों में कोरोना से लगातार मौतें हो रही हैं।

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