पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म हो गए, नई सरकार बन गई, लेकिन एक चीज अब भी वहीं की वहीं है और वो है पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा. आए दिन हिंसक झड़प, हत्या और महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है .

बंगाल में हिंसा तो जारी है लेकिन इस बीच TMC के गुंडों की ऐसी घिनौनी तस्वीर सामने आयी है जिसे सुन कर आपका खून खौल उठेगा , दरअसल इन दिनों बंगाल के गोसाबा में पठानखाली गांव , फ्रेजरगंज के प्लॉट-G, प्लॉट-L के साथ ही पथारप्रतिमा में रह रहे ढ़ाई सौ (250) हिंदू परिवार दहशत के साये में जी रहे हैं, क्योंकि TMC के गुंडे अब इस कदर गिर चुके हैं कि यहां रह रहे बीजेपी कार्यकताओं के परिवार की महिलाओं की साड़ियां लेकर भाग रहे हैं . किसी तरह से वो अपने शरीर को ढक रही हैं और इज्जत बचा रही है , कुछ ऐसे बाढ़ प्रभावित वाले इलाके है वहां तो स्थिति और भी भयावह है, वहां की महिलाएं ब्लाउज और अंतवस्त्रों से तन ढकने को मजबूर हैं.  

बंगाल में हालात इतने भयावह है कि सबकुछ देखते हुए सबकुछ जानते हुए भी खामोश रहना मतलब अपनी आत्मा को मारने जैसा है, पहले TMC के गुंडो ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा इतने से भी उनके कलेजे को शांति नहीं मिली तो उनके परिवार की महिलाओं का TMC के गुंडों ने खुलेआम बलात्कार किया, और ममता दीदी खामोश रही. सोशल मीडिया पर TMC की जीत की बाद ऐसे-ऐसे वीडियो वायरल हुए है जिसमें महिलाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है, उनके साथ बदसलुकी की जा रही है . और वो भी उस राज्य में जहां खुद एक महिला सीएम की कुर्सी पर बैठी है . ममता जी मां, माटी और मानुष की बात करती थी। लेकिन न ही उन्हें मां की चिंता है, न ही माटी की रक्षा हुई और न मानुष की रक्षा हुई। ये कहना गलत नहीं होगा कि बंगाल वो जगह है जहां पर राजनीति और सत्ता की गद्दी के लिए ममता दीदी और उनकी पार्टी TMC किसी भी हद तक जा सकती है ..

लेकिन सवाल ये कि हाल के दिनों में जिस तरह से ममता के गुंडाराज में महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं क्यों कोई फेमिनिस्ट या कोई महिला नेता सामने नहीं आया ? ये बेहद शर्मनाक है ।’ ममता बनर्जी को नारीवादी आइकॉन के रूप में पेश करने वाले किराये के लोग अब कहां है? बंगाल में महिलाओं का चीरहरण हो रहा है और ममता सत्ता का सुख भोगने में मगन है, ममता जी आप किसी राज्य की मुख्यमंत्री होने से पहले एक औरत हैं, सोचिए उन महिलाओं पर क्या बीत रही होगी , पहले तो उनलोगों को हर तरह से प्रताड़ित किया गया, अपना घर बार छोड़ने पर मजबूर किया गया और अब अपनी इज्जत बचाने का संघर्ष ,  कोई रास्ता आपलोगों ने नहीं छोड़ा है, अरे अब अपनी सियासी हठ छोड़िए, अपने सूबे की जनता के बारे सोचिए, जो हाल आपलोगों ने बंगाल का कर दिया है वैसी कल्पना तो किसी ने नहीं की थी ।

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