अफ़ग़ानिस्तान से गुरुग्रंथ साहब लेकर भारत लौट रहे ये अफगान सिख मोदी सरकार का धन्यवाद दे रहे हैं… तालिबान का ख़ौफ़ ऐसा है कि ये कह भी नहीं पा रहे हैं कि इस्लामिक कट्टरपंथियों की वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ रहा है। अब आइये, एक बार मोदी के ‘हिन्दू-राष्ट्र’ पर नज़र डालते हैं… उन सिक्खों का ख्याल कीजिए जो शाहीन बाग के धरने में गाल बजाने गए थे… वहां मोदी को गरियाते हुए कह आए थे कि ये सरकार मुसलमानों से भेदभाव करवा रही है।

आज वो सिख गायब हैं… तालिबान से भी नहीं कह पा रहे हैं कि सिक्खों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? आज वो CAA विरोधी मुस्लिम भी तालिबानियों से अपील नहीं कर पा रहे हैं कि क्यों मोदी के सामने हमारी नाक कटवा रहे हो? कुछ तो बात है मोदी में, वरना खुदा उसे यूँ क्यों सही ठहराता!
अब तक करीब 590 लोगों को वहां से निकाला जा चुका है. इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि चार सौ से लेकर पांच सौ तक लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे सभी यात्रियों का पहले आरटी पीसीआर टेस्ट होगा. इसके बाद सर्टिफिकेट जारी होने के बाद सभी यात्री एयरपोर्ट से बाहर आएंगे. काबुल में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले सुखविंदर सिंह का कहना है कि काबुल की सड़कों पर अराजकता जैसी स्थिति है और सभी अफगानिस्तान छोड़ने की जल्दी में हैं।

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