31 साल पहले आज ही के दिन जब कारसेवक बाबरी मस्जिद की तरफ बढ़ रहे थे, तो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया. इसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई थी।

मुलायम सिंह के इस कदम से बाबरी मस्जिद तो उस समय बच गई, लेकिन भारतीय राजनीति की दशा और दिशा हमेशा के लिए बदल गई…मुलायम सिंह यादव की छवि हिंदू विरोधी बन गई…देश ने उन्हें ‘मुल्ला मुलायम’ के नाम से नवाजा। ये हिंदू विरोधी छवि अब तक मुलायम सिंह और उनकी समाजवादी पार्टी से पूरी तरह हटी नहीं है।

बता दें कि 90के दशक में अयोध्या आंदोलन पूरे चरम पर था और उत्तर प्रदेश की सत्ता की कमान मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी. मुलायम ने बयान दिया था कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए बाबरी मस्जिद पर कोई परिंदा पर भी नहीं मार सकता. अक्टूबर, 1990 में हिंदू साधु-संतों कारसेवा के लिए अयोध्या कूच कर रहे थे. 30 अक्टूबर 1990 को कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई. कारसेवक पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ मस्जिद की ओर बढ़ रहे थे. मुलायम सिंह यादव ने सख्त फैसला लेते हुए प्रशासन को गोली चलाने का आदेश दिया. पुलिस की गोलियों से पांच कारसेवकों की मौत हुई थी।

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