जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कुछ लोग भारत विरोधी एजेंडा चलाने से बाज नहीं आते हैं। जेएनयू में शुक्रवार रात एक वेबीनार होना था जिसमें वेबीनार के आयोजकों ने ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ (Kashmir) शब्द का इस्तेमाल किया था यानी भारत ने जबरदस्ती कश्मीर पर कब्जा किया हुआ है। विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस वेबिनार के आयोजन की जानकारी दी गई थी वेबीनार का आयोजन सेंटर फॉर वूमेन स्टडी द्वारा किया जाने वाला था लेकिन शिक्षकों छात्रों के कड़े विरोध के बाद जेएनयू कुलपति ने इस वेबिनार को रद्द कर दिया।


जेएनयू का कहना है कि इस तरह के आयोजन की योजना बनाने से पहले संकाय सदस्यों ने प्रशासन की अनुमति नहीं ली थी। वेबिनार के आमंत्रण में लिखा गया है कि यह वार्ता कश्मीर में भारतीय कब्जे के लिए प्रतिरोध के बारे में लोगों को जागरूक करेगी यह बेहद आपत्तिजनक विषय है जो हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता पर सवाल खड़ा करता है।


ऐसा क्यों होता है कि देश में बसा हुआ टुकड़े टुकड़े गैंग इंडियन आर्मी और कश्मीर के मुद्दे पर भारत को ही कटघरे में खड़ा करता है। आखिर कब तक भारत अपनी आस्तीन में पल रहे इन सांपो को पालता रहेगा, क्यों नहीं ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा कायम किया जाता है।

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