नोआखाली का नाम आते ही साल 1946 की याद आ जाती है, जिसमें हिन्दुओं की निर्ममता से हत्याएं की गयी थीं। लेकिन अब नोआखाली के दंगों की शृंखला में पहले 2021 और अब 2022 भी जुड़ गया है. बांग्लादेश में 15 जुलाई को जुमे की नमाज़ के बाद नरैल के लोहागारा में कट्टरपंथी भीड़ ने हिन्दुओं के घरों, मंदिर और दुकानों में तोड़फोड़ की थी। यह हमला एक फेसबुक पोस्ट का बहाना ले कर किया गया था जिसे लिखने का आरोप एक 18 साल के लड़के पर था। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। बावजूद इसके हिन्दुओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया ।दंगाइयों ने हिंदुओं के घरों को चुन-चुन कर निशाना बनाया और न सिर्फ कीमती समान लूटा ब्लकि उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया. वहां रह रहे हिंदुओं का कहना है कि उनकी मेहनत से कमाई उनकी सारी जमा पूंजी मिनटों में राख के ढेर में तब्दील हो गई, वो भी सिर्फ इस इसलिए क्योंकि हम हिंदू है।

वहीं इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता राधा रमण दास ने हमले का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते की हैं। उन्होंने लिखा, “नरैल लगातार 2 दिन तक जलाया गया। इन 2 दिनों में हिन्दुओं के 70 घरों को जला दिया गया और 200 से अधिक हिन्दुओं के साथ बेरहमी से मारपीट की गई है।” संयुक्त राष्ट्र और भारत के PMO को टैग करते हुए राधारमण दास ने हिन्दुओं के साथ हो रहे इस अत्याचार पर छाई चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। राधारमण दास ने आगे लिखा, “बांग्लादेश के बहादुर हिन्दुओं ने धर्म परिवर्तन करने या घर छोड़ कर भाग जाने से इनकार कर दिया है। यहाँ के हिन्दुओं ने कई इस्लामी हमले झेले और अडिग रहे। हालांकि इसके चलते उन्होंने अपने कई परिजनों और रिश्तेदारों को खो दिया। यहां का इस्कॉन मंदिर नरैल के हिन्दुओं के साथ खड़ा है।” इस वीडियो में राधा रमण ने एक ऐसे घर को दिखाया है जिसको पूरी तरह से तहस नहस कर दिया गया है। घर की छत तक को नोच लिया गया है।

वहीं पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को लेकर चिंता जताई है। इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर को पत्र भी लिखा है।

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की भीड़ एक सुनियोजित साजिश के तहत बांग्लादेशी हिंदुओं पर बेहिसाब अत्याचार कर रही है . हर जगह डरावना और भयावह मंजर दिख रहा है. लेकिन हिन्दुओं की इस दुर्दशा पर पूरा सेक्युलर खेमा चुप्पी साधे बैठा है . तो क्या यह समझा जाए कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर फिर से आक्रमणों का नया दौर शुरू हो चुका है?

लेकिन हमारे हिंदु भाई-बहनों को हम मरता नहीं छोड़ सकते. हमें उनकी लिए आवाज उठानी होगी.

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