अडानी समूह पर हमलों के बीच अब समझना होगा कि खुलकर अडानी समूह के समर्थन में क्यों नहीं आना चाहिए..! दरअसल #KreatelyMedia ने तफ्तीश में पाया है कि अडानी एपिसोड की सारी पटकथा पहले से लिखी गयी और सुनियोजित है…

दरअसल जिस हिंडनवर्ग ने अदानी को लेकर तमाम आरोप लगाए हैं उसके तार ऑस्ट्रेलिया के एनजीओ BBF से जुड़े हुए हैं… और यह वही एनजीओ है जिसको तमाम वामपंथी हितेषी लोग फंडिंग करते हैं।

BBF एनजीओ 2017 से से ही अदानी ग्रुप के पीछे लग गया था, जब वहां कोयले की खदान खरीदी गई थी। इस ngo के भारत के कई वामपंथी विचारधारा वाले लोगों से बेहतर सम्बन्ध हैं..ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों अडानी के पीछे ठीक बजट सेशन से पहले इस NGo और हिन्दनबर्ग को लगाया गया।

BBF NGO का ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ एक काम है वह यह है कि अदानी ग्रुप कोई भी काम करें उसके खिलाफ यह अपनी साइट पर आर्टिकल और लेख प्रकाशित करता है.. समझने वाली बात यह है कि आखिर क्यों एक एनजीओ 24 घंटे ऑस्ट्रेलिया में रहकर अदानी ग्रुप के पीछे लगा हुआ है? आखिर इस एनजीओ के और हिंडनबर्ग के क्या संबंध है? और यह दोनों ही संस्थाएं एनडीटीवी से निकाले गए रवीश कुमार से जुड़ी हुई है..RSS मुखपत्र आर्गेनाइजर के मुताबिक रवीश कुमार के ऊपर अमेरिका में जो फिल्म बनी है उसकी पूरी फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन औऱ उससे जुड़ी संस्थाओं ने की है और यही फोर्ड फाउंडेशन (Ford Foundation) इस एनजीओ और हिंडन वर्ग को भी पैसा देता है.

इन सारे लिंक को जोड़कर देखा जाए तो एक छोटा बच्चा भी समझ जाएगा कि अडानी के खिलाफ साल 2017 से ही बड़ी प्लानिंग की जा रही है और रवीश कुमार को एनडीटीवी से निकाले जाने के बाद और भारत के बजट सेशन से ठीक पहले अडानी की छवि खराब हुई है ताकि अडानी के बहाने भारत की अर्थव्यवस्था को नीचे गिराया जा सके जिसका नुकसान नरेंद्र मोदी की इमेज को हो सके।

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