कहते तो है बेटी बचाओ .. बेटी बचाओ भ्रूण हत्या पाप है इसे रोको।
कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है ।कहना आसान होता है पर करना मुश्किल , कभी आपने सोचा है ये होता क्यों है|

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सब ज्ञान तो बाँटते है क्योंकि ज्ञान बाँटना मुफ़्त है …
हाँजी तो बात ये है की हमारी बेटियों की ये दशा हो रही है सिर्फ़ दहेज के कारण और ये भ्रूण हत्या सिर्फ़ आम आदमी और गरीब ही क्यों करते है सोचना ज़रूर ।
बस इतनी सी वजह की लड़की के पैदा होने पर माँ बाप दुखी हो जाते है ।
सोचते है खाने को खाना नही इसका दहेज कहा से देंगे जो कमाया है बेटी के दहेज में देना होगा अगर नही देंगे तो या तो बेटी मायके बैठ जाएगी या उसको प्रताड़ित किया जाएगा और प्रताड़ित सिर्फ़ बेटी नही होती पूरा परिवार होता है ।अगर ये दहेज लेना और देना बिल्कुल बंद हो जाए तो कोई भी पाप नही होगा कोई बेटी जलेगी नही । अगर बेटो से दहेज लेना शुरू कर दिया जाएगा तो देख लेना कल के दिन बेटी नही बेटो की हत्या होने लगेंगी ।

बेटी और बेटा के होने से लेकर पढ़ाई से शादी तक बराबर रुपया खर्च होता है तो लड़के वाले ये क्यों बोलते है की हम ने अपने बेटे पर इतना खर्च किया तो कोई इनसे ये पूछे एहसान किया आपने आपका बेटा है आपका है नाम रोशन आपका करेगा।उन माँ बाप से पूछना है ये कहाँ का इंसाफ़ है कि हमने बेटा पैदा किया उसको पढ़ाया लिखाया आज तक बेटे पर जो खर्च किया आप उसकी पूर्ति दहेज दे कर पूरा करो । बेटी पर भी उतना ही खर्च उनको कौन देगा बताइए बताइए।
उन बेटो से कहना है -इतने काबिल बनो की लड़कियों के रुपयों से ऐश करना छोड़ो ,अपनी कमाई से ज़िंदगी जीयों |

लड़कियों के माँ बाप की कमाई से नही सोचो अगर बेटी दहेज ले कर आए और कहना शुरू कर दे मेरे घर से दहेज दिया है तो घर के सारे फ़ैसले मैं ही लूँगी और सोचो किया आपके माँ बाप ने इतना नही कमाया की अपने बलबूते पर आपकी शादी कर सके या आपको इस काबिल नही बनाया एक बात गौर करिए अपनी बेटी की तो शादी की साथ में आपकी भी शादी का खर्चा उठा रहे है शरम करो अगर दहेज लिया तो लानत है, तो काबिल बनो कायर नही|

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