आजादी के बाद से ही अपने देश में धार्मिक आधार पर बंटवारा किया गया। हजारो-लाखों लोगों ने जान गंवाई परंतु जब हम वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हैं तो मन में प्रश्नचिन्ह उठना लाजिमी है कि क्या हम सही दिशा में अग्रसर है? मैं आप सभी का ध्यान कुछ विशेष मुद्दों पर आकर्षित करना चाहता हूं जैसे जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा, अवैध घुसपैठियों का मुद्दा, हिंदुओं में व्याप्त जातिवाद, राष्ट्रीय एकता क‌ई ऐसे मुद्दे हैं जिनमें भरकस प्रयत्नों के बाद भी हम असफल है। और इसका मुख्य कारण हमारे देश में राजनीतिक विसंगतियों में छुपा है और देश की राजनीति में जब तक पढ़े लिखे युवा वर्ग की शक्ति अपने आपको स्थापित करने का प्रयास नहीं करेंगी तब तक हमारा देश सबसे युवावस्था वाला देश होकर भी उन्नत देशों की कतार में पीछे ही दिखेंगे।

देश ने ऐसा भी माहौल देखा है कि जो सही तरीके से शपथ पत्र नहीं पढ़ सकते वो आज भी विधायक जी है आखिर कब तक हम सब ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। हमारे देश में व्याप्त क‌ई समस्याओं के जिम्मेदार हम स्वयं हैं हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा ।।

सब मिलकर करें प्रयास तो बनेंगी …

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