आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. जिसके तहत अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमले में अल कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है. खुफिया सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर ही जवाहिरी पर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
जवाहिरी की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद व्हाइट हाउस से सफल ऑपरेशन को लेकर ऐलान किया और बताया कि CIA ने ड्रोन स्ट्राइक में अल जवाहिरी को मार गिराया है. बता दें कि अल जवाहिरी के तार 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हुए विमान हमलों से जुड़े थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- ‘हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे।’
बाइडेन ने पहले ट्वीट भी किया, ‘शनिवार को मेरे निर्देश पर अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में हवाई हमला किया, जिसमें अलकायदा का अमीर अयमान अल जवाहिरी मारा गया। इंसाफ हो गया।’
On Saturday, at my direction, the United States successfully conducted an airstrike in Kabul, Afghanistan that killed the emir of al-Qa’ida: Ayman al-Zawahiri.
Justice has been delivered.
— President Biden (@POTUS) August 1, 2022
Al Qaeda leader Ayman al-Zawahiri has been killed in an air strike in Kabul. Justice has been delivered. No matter how long it takes, no matter where you hide, if you are a threat to our people, the US will find you and take you out: US President Joe Biden
(Source: Reuters) pic.twitter.com/4K4qNGiAP9
— ANI (@ANI) August 1, 2022
वहीं सोशल मीडिया पर इस घटना से संबंधित एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। ये वीडियो कथित तौर पर उस घर का माना जा रहा है जिसमें जवाहिरी था और हर सुबह उसकी बालकनी में टहलने आता था। बताया जा रहा है कि अमेरिका के सर्विलांस ने अल जवाहिरी को यहीं पर देखा था। इसके बाद उन्होंने कन्फर्म करके प्लॉनिंग के साथ उसे मार डाला। अमेरिका ने ये सुनिश्चित किया कि जिस समय वह जवाहिरी पर हमला बोलें उस समय जवाहिरी के परिवार को कोई नुकसान न पहुं, इसलिए उन्होंने हेल फायर जैसी मिसाइल का प्रयोग किया, जिसने घर में सीधे जवाहिरी को टारगेट किया.
अलकायदा का सरगना अल जवाहिरी 9/11 अटैक का आरोपी था. दरअसल 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अल जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई बार कोशिश कर चुका था। 2001 में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन हमला होने से पहले जवाहिरी भाग निकला था. वहीं 2006 में जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने फिर से जाल बिछाया था। उसके पाकिस्तान के दामदोला में छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन मिसाइल हमला होने से पहले जवाहिरी वहां से भाग निकला था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा जवाहिरी ने कई बार भारतीय मुसलमानों को भी भड़काने की कोशिश की थी. उसने आतंकियों को कश्मीर में भारत के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए समुदाय विशेष के लोगों से इस्लामी जिहाद से जुड़ने की अपील की थी. वह कहता था कि भारतीय मुस्लिम हथियार इकट्ठा करके देश के खिलाफ जिहाद छेड़ें . वहीं कुछ दिन पहले उसने कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद में सामने आयी हिजाब गर्ल का गुणगान करते हुए उसकी शान में कविता भी पढ़ी थी.
अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को हुआ था। अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था और 14 साल की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।
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