असम में जब से हिमंत बिस्व सरमा सूबे के सीएम बने हैं कई उन्होंने कई संगीन मामलों में कड़ा एक्शन लिया है. दरअसल असम में जबरन धर्मांतरण करने वाले रैकेट का भी धीरे-धीरे पर्दाफाश किया जा रहा है. इसी कड़ी में असम पुलिस ने ईसाई मिशनरी रंजन सूतिया नाम के शख्स को डिब्रूगढ़ से जबरन कन्वर्जन कराने और इससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डिब्रूगढ़ पुलिस ने ईसाई मिशनरी रंजन को मोरन के उसके चिकित्सा केंद्र से गिरफ्तार किया। रंजन पर धर्म परिवर्तन के लिए श्रीमंत शंकर देव की धार्मिक और सांस्कृतिक कृतियों का दुरुपयोग करने का आरोप भी है.  इस मामले में हिंदू युवा छात्र परिषद ने मोरन थाने में कुख्यात ईसाई धर्म प्रचारक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि रंजन भोले भाले लोगों को बहाकाने के लिए श्रीमंत शंकरदेव जी की धार्मिक और सांस्कृतिक रचनाओं का दुरुपयोग करता था, साथ ही असमिया संस्कृति के बारे में लोगों के बीच गलत बातें भी पहुंचाता था.  वो अलग-अलग तरीकों से  वैष्णव भक्ति गीतों में ईसा मसीह का नाम जोड़ता था और उन गानों को पूरी तरह बदल देता था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रंजन सूतिया समेत दूसरे मिशनरी कथित तौर पर ‘वर्ल्ड हीलिंग प्रेयर सेंटर’ नाम से एक प्रार्थना घर चला रहे हैं। यहां ईसा मसीह की शक्ति से रोगियों को ठीक करने के बहाने उनका ब्रेनवाश किया जाता था। इसके जरिए इन मिशनरियों ने हजारों हिंदुओं का ब्रेनवाश कर उन्हें ईसाई धर्म स्वीकार करा दिया .

फिलहाल डिब्रूगढ़ पुलिस ने रंजन सूतिया को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (A) और 195 (A) के तहत मामला दर्ज किया गया है. देखा जाए तो देश के अलग-अलग हिस्सों में लंबे समय से लोगों को बहरा फुसलाकर करके ईसाई बनाने की प्रक्रिया जारी है, उन्हें पैसों का लालच दिया जाता है, बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाने का प्रलोभन दिया जाता है. ऐसे में आर्थिक रूप से इन ईसाई मिशनरियों को विदेशों से फंड मिलता है. अब तक ये मिशनरी कितने नासमझ और भोले हिन्दुओं को कन्वर्ट कर चुके हैं, यह जांच का विषय है।  

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