संस्कृति जागो भ्रम से हे चिरजीवी यज्ञ प्रहरी हे अरुंधति हे पितृस्थलहे कुंडलिनी हे वेदमान हे भागीरथी हे गंगाजलजागो भ्रम से अब अभ्युदय, कैलाश तुम्हारी आस में हैकल्पतरु की...