यह नववर्ष नहीं मूर्खता है।
स्वतंत्रता के उपरांत भी।
गोपाल के भारत को।
छल रही धूर्तता है।
सोए सनातन धर्म को जगाओ अब।
नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मनाओ अब।
हे भारत के कर्णधारो।
ज्ञान ले वेदो से वर्तमान को सुधारो।
सत्य का ज्ञान ही,अज्ञान से जूझता है।
यह नववर्ष नही मूर्खता है.....