असम में बीजेपी को बहुमत मिला है , चुनाव में बीजेपी को 60 सीटें मिली है। मगर इस बीच खबर आई है कि प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने प्रदेश में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे को ही भंग कर दिया है। गौरतलब है कि असम में बीजेपी ने 8 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था और इन सभी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक खुद अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्यों ने ही बीजेपी को वोट नहीं किया, इसी के चलते प्रदेश अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक मोर्चा को भंग कर दिया है। 


असम में भाजपा का सीधा मुक़ाबला कॉन्ग्रेस पार्टी और बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के गठबंधन से था जिसकी वजह से मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करना भी पार्टी को वोट नहीं दिला सका।  

जाहिर है बीजेपी ने असम में अल्पसंख्यक मोर्चा बनाया और 8 उम्मीदवारों को टिकट भी दिया मगर जब खुद अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्यों ने ही बीजेपी को वोट नहीं किया तो ऐसे में इसे बनाने का क्या फायदा? अल्पसंख्यक मोर्चा जब अपने सदस्यों सेे ही वोट नहीं डलवा पा रहाा है तो महज फोटो खिंचवाने वाले आयोजन करने का क्या फायदा?

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