आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या से MSRTC कर्मी की मौत, सुसाइड नोट में ठहराया ठाकरे सरकार को दोषी…(यह कहानी पहली बार महाराष्ट्र टाइम्स पर 9 नवंबर में प्रकाशित हुई थी)एमएसआरटीसी का एक कर्मचारी, जो वित्तीय संकट में था, जलगांव में अपने निवास पर आत्महत्या करके मर गया। घटना का पता सोमवार सुबह चला। कथित तौर पर व्यक्ति ने खुद को फांसी लगा ली..
मनोज अनिल चौधरी (30) जो कि जलगांव डिपो में कार्यरत था डिपो की कार्यशैली और आर्थिक रूप से परेशान होकर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार व ठाकरे बंधुओं के प्रति रोष प्रकट करते हुए आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में सबका नाम लिखकर गया.अपने सुसाइड नोट में एसटी डिपो और राज्य सरकार की नीतियों से आहत होकर मनोज ने इहलिला समाप्त कर ली.
परिवार को पीएफ व बीमा के पैसे दे देने की बात लिखकर आत्महत्या करने वाले मनोज ने सीधे ठाकरे सरकार को दोषी ठहराया है अब सवाल ये उठता है कि दो साल पुराने मामले में अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने वाली महाराष्ट्र पुलिस में इतना दम है कि वो उद्भव ठाकरे पर कार्यवाही करेगी या गिरफ्तार करेगी, या फिर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तंत्र का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की मजाक उड़ाने का महज मामला है
शिवसेना सरकार की तानाशाही और गुंडागर्दी की किरकिरी पूरे भारत में हो रही है सत्ता के साथ साथ न्यायपालिका पर भी काला टीका लगाने में शिवसेना सफल हुई है आज अर्णब गोस्वामी की जमानत याचिका खारिज होना साफ साफ बता रहा है कि एक तरफ किसी को 15 मिनट में जमानत मिल जाती है और किसी आंतकवादी के लिए आधी रात को भी कोर्ट खुल जाता है पर राष्ट्रवादी अर्णब गोस्वामी के लिए न्याय के सभी दरवाजे बंद है ये देश का दुर्भाग्य ही तो है कि एक सच्चे नागरिक के अधिकारों का दमन हो रहा है और देशद्रोही खुलेआम पनप रहे है
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