देशभर में कोरोना की लहर हाहाकार मचा रही है समय से पहले कई लोग काल ग्रसित हो रहे हैं। निश्चित तौर पर सरकारी बदइंतजामी और नागरिकों का गैर जिम्मेदार रवैया इसके लिए जिम्मेवार है, मगर देश का विपक्ष भी इसके लिए प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है। याद कीजिए जिस समय कोरोनावायरस की वैक्सीन देश में लांच की गई थी उस समय विपक्ष के तमाम नेताओं ने वैक्सीन पर सवालिया निशान खड़े करने शुरू कर दिए थे कि वे वैक्सीन नहीं लगाएंगे। विपक्ष के कई नेताओं ने वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन बताना शुरू कर दिया था जिसमें अखिलेश यादव का नाम प्रमुख है। 


अखिलेश यादव का बयान आते ही कई लोगों ने वैक्सीन को बीजेपी वैक्सीन बताते हुए उसका इस्तेमाल करने से इंकार कर दिया था। विपक्ष के कई नेताओं के साथ-साथ टुकड़े टुकड़े गैंग भी कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रचार में जम गया था। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने वैक्सीन पर सवालिया निशान खड़े किए थे , तो वहीं शशि थरूर ने वैक्सीन को खतरनाक तक बताया था।


विपक्ष और देश विरोधी ताकतों द्वारा कोरोना “वैक्सीन” का इतना दुष्प्रचार किया गया है कि अभी तक बहोत से लोग लगवाने से डर रहे हैं, अगर “वैक्सीन” पर विपक्ष द्वारा घटिया राजनीति नहीं की गई होती तो आज कहीं ज्यादा लोगों को “वैक्सीन” लग चुकी होती और स्थिति निश्चित रूप से बेहतर होती।

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