पूरा देश भारत कोरोना से लगातार जूझ रहा है। देश के तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत चल रही है ना बिस्तर हैं , ना ICU है और ना ही देश में दवाइयां… ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की जिम्मेदारी पर। सोशल मीडिया पर देश की जनता हर्षवर्धन से सवाल कर उनसे पूछ रही है कि आखिर इस आपात स्थिति में वह क्या काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि डॉ हर्षवर्धन का यह कहना है कि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है इसके बावजूद आए दिन खबरें आ रही है कि ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में लोगों की मौत हो रही है। डॉक्टर हर्षवर्धन स्वयं पेशे से डॉक्टर हैं इसके बावजूद कोरोनावायरस की लहर के आने से पहले उन्होंने तमाम तैयारियां इस बाबत क्यों नहीं की थी? क्या डॉक्टर हर्षवर्धन को यह अंदाजा नहीं था कि कोरोनावायरस से फेफड़े का इंफेक्शन होता है और इसके चलते ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है ऐसे में ऑक्सीजन का इंतजाम अस्पतालों के लिए क्यों नहीं किया गया? हैरान करने वाली बात है कि जिस दिल्ली में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं हर्षवर्धन वहीं से सांसद हैं।
सोशल मीडिया पर प्रखर राष्ट्रवादी वकील प्रशांत पटेल उमराव ने डॉक्टर हर्षवर्धन को घेेरते हुए लिखा है कि देश में जनता ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही है और यह स्वास्थ्य मंत्री ट्विटर पर चापलूसी कर रहे हैैं।
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