गाजियाबाद प्रकरण में जिस तरह से वामपंथी मीडिया गैंग ने फेक न्यूज़ पिलाई और उसके बाद जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख दिखाया उसके बाद देश की जनता को आप जगने लगी थी कि इस बार तो सत्य को न्याय मिल कर ही रहेगा। मगर अब तक इतने दिन बीत चुके हैं मगर जिन लोगों के खिलाफ यूपी पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की थी उनमें से किसी पर भी पुलिस अब तक कार्यवाही नहीं कर पाई है। ऐसे में देश की जनता को सिर्फ यूपी पुलिस से ही उम्मीदें थी मगर अब वह टूटती हुई दिखाई दे रही है और जनता संदेह जता रही है कि लगता है योगी सरकार ने भी टुकड़े टुकड़े गैंग के प्रति नरमी बरतने के संकेत दे दिए हैं।


योगी सरकार के प्रमुख मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी, मृत्युंजय कुमार ने जिस तरह से गाजियाबाद प्रकरण मसले पर लिबरल गैंग के खिलाफ मोर्चा खोला था, उस वक्त Kreately मीडिया ने भी खबर प्रकाशित की थी कि अब झूठ फैलाने वालों की खैर नहीं। योगी सरकार के इन चेहरों को सोशल मीडिया पर खासी तवज्जो भी मिली थी और जनता ने इनकी जय जयकार की थी, मगर लगता है वह सारी कवायद सिर्फ रिट्वीट पाने तक ही सीमित थी और अब इस बाबत कोई भी बात नहीं की जा रही है।


गौरतलब है कि यूपी पुलिस को एफआईआर दर्ज किए हुए तकरीबन 7 दिन हो गए हैं मगर अबतक मोहम्मद जुबेर, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, सबा नक्वी समेत किसी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। आखिर उस समय जब एफ आई आर दर्ज हुई थी तब इतना ढोल क्यों पीटा गया था कि अब मानो इन फर्जी खबर फैलाने वाले लोगों की कोई खैर नहीं मगर अब जिस तरह से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है वह कहीं ना कहीं सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़े करता है और देश की परवाह करने वाले पाठकों के दिल पर चुभता है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.