एक जमाना था जब देश की सबसे पुरानी पार्टी कही जानी वाली कांग्रेस का देश में एकक्षत्र राज चलता था. लेकिन अब वो अपनी पतन की तरफ बढ़ चुकी है। कांग्रेस की आज वो हालत हो चुकी है कि उसके भरोसेमंद नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दिया है।
अब पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने अपनी इस्तीफा पत्र सोनिया गांधी को भेज दिया है जिसकी जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर दी। हार्दिक ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी. मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा.’ गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल का कांग्रेस को बाय-बाय कहना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा। pic.twitter.com/MG32gjrMiY
— Hardik Patel (@HardikPatel_) May 18, 2022
इतना ही नहीं हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में इस बात का साफ जिक्र किया है कि “कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई, अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, CAA-NRC का मुद्दा हो या फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना हो इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस ने सिर्फ बाधा बनने का काम किया”
दरअसल पिछले कुछ दिनों ने हार्दिक पटेल का कांग्रेस से मोहभंग होता दिख रहा था वहीं बीजेपी की नीतियों से प्रभावित होने के साथ ही उनका बीजेपी की ओर झुकाव दिख रहा था. जिसके बाद कई मौकों पर उन्होंने खुद को एक सच्चा रामभक्त हैं और गौरान्वित हिंदू बताया । हार्दिक पटेल ने कई बार कहा था कि पार्टी लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमिटी की बैठक में उन्हें बुलाया नहीं जाता। पार्टी से जुड़े किसी भी निर्णय में उन्हें शामिल नहीं किया जाता है। कुल मिलाकर हार्दिक पटेल ने पार्टी में “अलग-थलग” किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद से ही उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें भी लगने लगी थी। हाल ही में उदयपुर में हो रहे चिंतन शिविर में भी वे नहीं पहुंचे. कांग्रेस का दावा था कि उनको इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि वो आमंत्रण की किसी भी कैटेगरी में नहीं आते.
हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में आरक्षण के लिए शक्तिशाली पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व किया था और वे एक युवा नेता के रूप में उभरे थे। उसके बाद राहुल गांधी ने खुद उन्हें पार्टी में शामिल कराया था। लेकिन धीरे-धीरे हार्दिक पटेल ने पार्टी में खुद को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए . देखा जाए तो हार्टिक पटेल का कांग्रेस से इस्तीफा गुजरात कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है।
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