”नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा” परम राम भक्त, परम बुद्धिमान ,रोगों को हरने वाले संकट मोचन, लक्ष्मण को औषधि देने वाले वीरों के वीर महावीर हनुमान जी महाराज का आज जन्मदिन है। आज जिस कोरोना संकट के आसुरी बादल समस्त लोक को त्रस्त कर रहे हैं उससे उबारने में बजरंगबली की अनुकम्पा की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। प्रार्थना कीजिए कि हनुमानजी सबको लक्ष्मण की तरह निरोगी करें, बाबा की कृपा से सभी डॉक्टर और सियासी हुक्मरानों को सदबुद्धि मिले ताकि जनसेवा के भले के लिए उचित फैसले वे ले सकें। 


संतो के मुताबिक हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं शांत होती है और हनुमान चालीसा अपने आप में कई वैज्ञानिक तथ्य समेटे हुए हैं। नासे रोग हरे सब पीरा चौपाई का निरंतर जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है इसमें तनिक भी संदेह नहीं है ऐसे में सभी देशवासियों को नासे रोग हरे सब पीरा चौपाई का निरंतर जाप करना चाहिए।  बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार का जप करने से समस्त विकार तिनके की तरह टूट जाते हैं। हनुमान चालीसा की जितनी भी चौपाइयां हैं सभी के निहितार्थ में कोई न कोई आशीर्वाद व वैज्ञानिक तथ्य आपस में गुंथे हुए हैं, ‘संकट से हनुमान छुड़ावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावे’ सभी को मन से हनुमानजी महाराज का स्तवन करना चाहिए ताकि संकटों से मुक्ति मिल सके।

“अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः।कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः॥”लोक मान्यता में ये सात लोग- अश्वत्थामा, राजा बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और परशुराम अमर हैं। अर्थात् ये लोग मृत्यु को प्राप्त नहीं होंगे। इनमें से अश्वत्थामा कृष्ण के शाप के चलते सदैव कुष्ठ रोगियों जैसे जीवन को प्राप्त हुए। राजा बलि की दानवीरता से खुश होकर वामन भगवान ने उन्हें वर दिया था कि वे कभी मृत्यु को प्राप्त नहीं होंगे। महर्षि वेद व्यास अपने प्रताप से अमरत्त्व को प्राप्त हुए। विभीषण को भाई से घात करने और उसे मृत्यु तक पहुँचाने का कारक बनने के कारण मृत्यु के देवता ने उन्हें नर्क तक में स्थान देने से मना कर दिया था, इसलिए वे पृथ्वी लोक में भटकते रहेंगे। कृपाचार्य अश्वत्थामा के मामा हैं और भानजे की देखभाल करने के लिए वे जीवित हैं। परशुराम को निरपराध क्षत्रियों का रक्त बहाने के कारण भगवान राम ने मन की गति से चलने की उनकी शक्ति का नाश कर उन्हें शापित जीवन जीने को विवश किया। सिर्फ़ अकेले आँजनेय, केसरी नंदन, संकर सुवन, पवन पुत्र हनुमान जी ही हैं, जो अपनी समस्त शक्तियों के साथ आज भी जीवित हैं। इन्हीं हनुमान जी का आज जन्मदिन है।

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