पटाखे भी अजीब है, नये साल पर 199 देशों में फूटते हैं तो खुशियां लाते है।

और दीपावली में भारत में फूटते है तो प्रदूषण करते है!
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जी हां, हिन्दुत्व की शेंखी मारने वाले हिंदुस्तान में आज हिंदुओ को साजिश के तहत टुकड़ों में बांटने का प्रयास किया जा रहा है धार्मिक भावनाओं को प्रकृति और ना जाने किस किस से जोड़ने का प्रयास कुछ वामपंथी विचारधारा के तत्वों द्वारा करने का प्रयास हो रहा है हिन्दू धर्म के हर त्यौहार पर अपना अल्प बुद्धि के ज्ञान का पिटारा खोलने वाली इस सेकुलर वामपंथी जमात का जैसे दिमाग खराब हो गया है महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर दूध ना चढ़ाने, मकर संक्रान्ति पर पतंग ना उड़ाने, होली पर पानी से होली ना खेलने, रक्षाबंधन पर राखी ना बांधने और दीवाली पर पटाखे ना फोड़ने की हिदायत देने वाले ये मंदबुद्धि लोग ना जाने 25 दिसंबर को क्रिसमस के त्यौहार पर लकड़ी और मोमबत्ती जलाने पर खामोश हो जाते है, मोहर्रम पर खुद को तलवारों से सजा देकर लहूलुहान होने पर भी अपनी जुबान को बीमार कर लेते है वहीं बकरा ईद पर ना जाने कितने प्राणियों की बलि देकर सड़कों को खून से लथपथ कर दिया जाता है पर ये अंधे बहरे वामपंथी उस पर भी चुप रहते है कि कहीं धर्म खतरे में ना आ जाए इस बात का ख्याल रखते है

पूरे संसार का ठेका जैसे इन वामपंथी जमात ने ही ले रखा हो इसलिए पूरे विश्व में कहीं कोई घटना घटी ये मोमबत्ती गैंग सड़कों पर आ जाती है अवॉर्ड वापसी गैंग को भी सक्रिय होना पड़ता है पर इनकी नाक के नीचे कई बार 5-7 वर्ष की निर्दोष बच्ची को भेड़ियों द्वारा नोचा जाता है पर खैरात और भारतीय सब्सिडी पर पलने वाले ये नमकहराम कहीं भी ऐसे मामलों में न्याय के लिए बोलते नजर नहीं आते…. हर दीवाली को पटाखों के धुंए से पर्यावरण की चिंता करने वाले ना जाने 31 दिसंबर की रात को जब पूरा विश्व आतिशबाजी कर रहा होता है तब यही अवसरवादी लोग सभी को अलग अलग भाषाओं में प्रभावित कर अपना वीज़ा फाइनल करवा रहे होते है

अब आज इस देश का आम नागरिक सम्मानित मी लॉर्ड से पूछना चाहता है कि पटाखे जलाने पर तो आपने रोक लगा ही दी, कहीं दीया जलाने से हिमालय की बर्फ पिघल ना जाए और ग्लोबल वार्मिंग का कोई खतरा ना हो इसलिए दीया तो जला सकते है ना, ये पूछना चाहता है हिंदुस्तान की इस धरती पर हिन्दू को अपने धर्म के जितना संघर्ष करना पड़ रहा है वो काफी दयनीय है असहनीय है पीड़ादायक है ।

हिन्दू धर्म का और हिन्दू धर्म के त्यौहारों का खुलेआम मजाक बनाना आजकल फैशन सा बन गया है ना जाने लोग जब तक मजाक ना उड़ा लेवे तब तक खुद को प्रतिष्ठित समझता ही नहीं है यही दोहरी मानसिकता देश को अंधेरे की ओर लेकर जा रही है

मंदिर निर्माण से लेकर धर्म बचाने तक हिंदुओ की लापरवाही एक दिन हिंदुओ के सम्मान और स्वाभिमान को खत्म करके रख देगी ।

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