बावजूद इसके कि सिर्फ पिछले कुछ दिनों में , ज्यादा ज्ञानी लोगों द्वारा पूरे देश के कई दिनों के धैर्य और अनुशासन पर बट्टा लगा कर उसे बहुत बदतर करने की कोशिश की गई ,इसके और ऐसे अनेक कोशिशों के बावजूद भी देश पश्चिमी देशों के हाहाकारी स्थिति से इतना बेहतर है कि उसकी तुलना नहीं की जा सकती और अगले कुछ समय के बाद जो दिन निकलेगा वो भारत का नया दिन ,नई उम्मीद का दिन होगा लेकिन इस सबके बीच जो घटा है वो बहुत बड़ा सबक बन कर न सिर्फ देश बल्कि विश्व भर के सामने होगा।
कोरोना संकट ने साबित किया कि ये देश जो हिन्दुस्तान है ये यूँ नहीं बरसों से गाता फिर रहा है कि ,कुछ तो बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी और न ही कभी ,कभी भी मिटेगी। 

इसे ये साबित किया कि बेशक दुनिया हमें विकासशील , गरीब देश समझे देखे लेकिन ऐसे समय पर जब पूरी दुनिया घुटने टेक कर खडी हो गयी है उस वक्त भी ये देश अपना मस्तक ऊँचा किये शांति से इन झंझावातों में दीपक लिए खड़ा हुआ है। 

इसने ये साबित किया कि इंसान की औकात प्रकृति के आगे एक पशु पक्षी से भी कम है इसलिए इंसानियत को बचाए रखना जरूरी है क्यूंकि सिर्फ और सिर्फ वही जरूरी है दुनिया के लिए। 

इसने ये भी साबित किया कि ,रे मूरख इंसान तेरे पैसे धन दौलत सोना चांदी ताबीज माला कोई भी कुछ भी ऐसा नहीं है जो तुझे मौत से बचा सकेगा बचाएगी तो सिर्फ इंसानियत और इंसान। 

इसने ये भी साबित किया ऐसे कठिन समय में कैसे इंसान इंसान के काम आया उसने किसी आसमानी फ़रिश्ते का किसी जादुई करिश्मे का इंतज़ार नहीं किया और एक दूसरे के भरोसे को कायम रखा और जिंदगी को भी। 
इसने ये साबित किया की इंसान कितनी ही दुनिया घूम ले ,आखिरकार अपनी ज़मीन अपने घर को ही लौटना होता है और सबको वहीं लौटना होगा। 

इसने ये भी साबित किया महानगरों में दिन रात लोगों की जरूरत पूरा करने वाले गरीब मजदूर आज सत्तर साल बाद भी किसी सरकार समाज प्रशासन के लिए उपेक्षित और दोयम दर्ज़े का इंसान ही बना रहा जिसे जब चाहा दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंका जाता रहा है.

इसने ये भी साबित किया कि हमारी पुलिस ,हमारा प्रशासन ,हमारे चिकित्सक ,सफाईकर्मी पूरी दुनिया के सबसे प्यारे सबसे जुझारू और सबसे बहादुर लोग हैं जो हमारे बीच के ही हैं जिनकी अहमियत हमें ऐसे समय में ऐसी विपदा में ही समझ आई है। 

इसने ये भी साबित किया कि हमें हमारे बच्चों को उनके भविष्य की चुनौतियों के लिए कैसे और किस हद तक तैयार करना है और ये काम आज और अभी से करना है। 

इसने ये भी साबित किया कि दो बार प्रचंड जनादेश से अपने नायक को चुनने वाली अवाम के निर्णय में किसी बैलेट बॉक्स का जादू नहीं था ये सबका एकमत था जो अपने अगुआ की एक आवाज़ पर खुद को तालों में कैद करके एक दूसरे का हाथ और साथ थामे रही। 

और इसने ये भी साबित किया कि इस देश की राजधानी समेत बहुत सारे शहरों नगरों में हमारे ही बीच में से कुछ लोग ,चाहे किसी भी कारणों से देश के विरूद्ध ,मानवता के विरूद्ध और पूर्वाग्रह के कारण ,किसी भी और कैसी भी बात में नकारत्मकता न सिर्फ तलाश सकते हैं बल्कि अपने साथ सबको निराशा के गर्त में डुबोने की कोशिश करते हैं। 

और आखिर में इसने ये साबित किया कि ये देश जो आज का भारत और कल का हिन्दुस्तान है ये अब विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है और पूरी ठसक और धमक के साथ दुनिया का सिरमौर बन कर उभरेगा। जय हिन्द ,जय हिन्दुस्तान ,जय हिन्दुस्तानी। 

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