फिलिस्तीन और इजराइल के बीच अल अक्सा मस्जिद को लेकर जंग जारी है। भारत में बहुत से ऐसे शांतिप्रिय समुदाय के लोग हैं जो लिबरल बुद्धिजीवियों के साथ हुंकार भरते हुए फलस्तीन का साथ देने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। अब इसी कड़ी में ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने एक बयान जारी कर अल जजीरा की इमारत पर इजरायल के हमले की निंदा की है जबकि इजरायल ने यह साफ कर दिया है कि अल जजीरा की उस इमारत से हमास के कई आतंकी अपना काम कर रहे थे, इसलिए इस इमारत को निशाना बनाया गया।


यह वही एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया है जिसमें सारे वामपंथी लिबरल बुद्धिजीवी घुस कर बैठे हैं और यह लोग कितने पक्ष पाती हैं इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि जब मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक भारत के पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था तब इस संस्था ने अपने मुंह पर चुप्पी की टेप बांध ली थी। अर्नब गोस्वामी के मुद्दे पर इस संस्था ने एक बार भी कोई बयान जारी नहीं किया था।


इससे पहले भी एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया अपने पक्षपात पूर्ण रवैये और चालाक चुप्पी के लिए जाना जाता है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया में कांग्रेस वामपंथ समर्थक पत्रकारों का बोलबाला है और जिस वक्त 2002 में गुजरात दंगे हुए थे तब इसी मीडिया समूह ने पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकतरफा रिपोर्टिंग करवाई थी। जाहिर है लड़ाई इजराइल और फलस्तीन के बीच है हमास आतंकियों की इमारत में अल जजीरा का ऑफिस है और बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बनकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया निंदा का कड़ा बयान पास कर रही है , यह हास्यास्पद है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.