झारखंड के हजारीबाग जिले के दुलमाहा गांव में सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान रुपेश पांडे की हत्या मामले को लेकर झारखंड सरकार का रवैया वाकई बेहद चिंताजनक है, क्योंकि इस हत्या की खबर पूरे देश-विदेश तक पहुंच गई, हिंदु संगठन और विदेश में रह रहे भारतीयों ने परिवार का हाल-चाल जाना, परिवार को आर्थिक सहायता दी, लेकिन उसी राज्य के मुख्यमंत्री के पास इतना समय नहीं था जो रोते-बिलखते रुपेश के परिवार से मिले, आरोपियो को सजा दिलाने का आश्वासन दिलाएं.

सोमवार को रांची में हुई मुलाकात के दौरान परिजनों ने रुपेश की निर्मम हत्या की सीबीआई जांच की मांग की। सीएम सोरेन ने ट्वीट किया कि रुपेश की मां की स्थायी आजीविका के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।

 

वहीं जहां हेमंत सरकार इस मामले को लेकर आग अपनी कुंभकर्णी नींद से जागी है, तो बीजेपी शुरूआत से ही रुपेश के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए एक्टिव रही है. इसी कड़ी में झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान सदन के बाहर बीजेपी विधायकों ने जल्द न्याय के लिए धरना दिया. हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने इस मामले को बजट सत्र में विधानसभा चर्चा के दौरान उठाया था.

बीजेपी से हेमंत सरकार पर हर तरीके से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा लेकिन सरकार की तरफ से कुछ भी एक्शन होता दिखाई नहीं पड़ा. माना जा रहा है कि हर तरफ से बढ़ते दवाब को देखते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर रुपेश के परिवार वालों से मुलाकात की. क्योंकि इससे ठीक एक दिन पहले यानि 27 फरवरी को झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश ने रुपेश के परिवार से मुलाकात की थी.

 

बता दें आपको झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही थाना के दुलमाहा गांव में मुस्लिम भीड़ ने 6 फरवरी 2022 को रुपेश पांडे की हत्या कर दी थी। वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस इसे मॉब लिंचिंग मानने से इनकार कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि चोट की वजह से रुपेश के इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। आंख, कान, छाती, पेट, पैर सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। धारदार हथियार से हमला हुआ था साथ ही गला दबाने की कोशिश की गई। कान, गले और छाती के निचले हिस्से में घाव थे।

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