पिछले करिबन 20-23 दिनो से दिल्ली की सडको पर किसानो का कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध पुरी तरह से राजनैतिक षडयंत्रो से प्रभावीत होने के साथ ही प्रदर्शन में देश विरोधी ताकते लगातार तेजी से सक्रीय होती जा रही है। केंद्र सरकार किसानो की हर समस्या हल करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रही है। ऐसे में इस प्रदर्शन को लेकर विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया। केंद्र सरकार और किसान नेता वो के बिच कही दौर की बातचीत भी प्रदर्शन को संमाप्त करने में विफल साबित हुई। इस बिच विपक्ष लगातार विरोध प्रदर्शन पर बयानबाजी करके सरकार को घेरना चाहती है। विपक्ष पार्टीया किसानो को भडकाकर किसानों के नजर में सहानुभूती व्यक्त करने में जुट गयी है।

विपक्ष अलग अलग तरिके अपनाकर कृषि बिल का विरोध कर रही है। सरकार ओर विपक्ष के बिच एक तरह की सियासी जंग छेड गयी है। इसी बिच भाजपा नेता कपील मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को खुले डिबेट की चुनौती दे डाली। दरअसल गुरवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सीएम केजरीवाल ने कृषि कानुन की प्रतिया फाड डाली। सीएम केजरीवाल ने कृषि कानून को किसानों के विरोध में बताते हुए ओर अपना विरोध दर्शाते हुए कानुन की प्रतिया फाड दी। सीएम केजरीवाल की इसके पिछे की मंशा साफ है, मुख्यमंत्री केजरीवाल को लगता है कि कानुन की प्रतिया फाडकर वो खुदके प्रती किसानो के मन में सहानुभूती प्राप्त कर लेंगे। उन्होने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए अपना चुनावी प्रचार तो तय कर लिया लेकिन विधानसभा में उनके द्वारा किया गया व्यवहार उनके पद के अस्तीत्व पर शर्मसार करने वाला है। दोनो सदनो से पारित किये गये बिल को फाडकर केजरीवाल ने ना सिर्फ किसानो के हितो को कुचला है बल्की इस देश की सदनो का अपमान किया है। जिस सदनो से देश की सुव्यवस्था बनी रहने के लिए कानुन बनाये जाते है उसी सदनो का सीएम केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपमान किया। इसी बात पर भाजपा भी हमलावर हो गयी है। बीजेपी नेता कपील मिश्रा ने केजरीवाल को खुले डिबेट की चुनौती दे डाली। केजरीवाल के विधानसभा में किए गये गैरव्यवहार पर कपील मिश्रा ने ट्विट करते हुए काहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी, तीनों किसान बिलों के एक एक क्लॉज, एक एक मुद्दे पर आपको कैमरे के सामने सीधे डिबेट की चुनौती दे रहा हूं. जनता के सामने इन तीनों बिलों पर आपके और मेरे बीच डिबेट. मुझे आशा है कि आप इस गंभीर मुद्दे पर डिबेट की मेरी चुनौती को स्वीकार करने का साहस करेंगे।

कपील मिश्रा ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल को सिधे सिधे कॅमेरा के सामने खुले डिबेट की चुनौती देते हुए काहा कि, बिलो के एक एक मुद्दे पर आपके ओर मेरे बिच बहस हो जाए। सीएम केजरीवाल द्वारा किया गया व्यवहार एक राजनैतिक एंजेडा है जो आम आदमी पार्टी पंजाब के आने वाले चुनावो में इस्तेमाल करेंगी। बिलो में किसान विरोधी साबित करने जैसा कुछ भी नही है। विपक्ष केवल अपनी राजनैतिक रोटीया सेक रही है। तो स्पष्ट है की केजरीवाल ही क्या विपक्ष का कोई भी नेता बीजेपी के साथ खुली बात नही करेंगा।

केजरीवाल सरकार केवल केंद्र का विरोध करना चाहती है हालांकि जिस कृषि बिल की प्रतिया मुख्यमंत्री ने फाडी उसी कृषि सुधारो को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में पहिले से हि प्रभाव में लाया है। कुछ दिनो पहिले यही केजरीवाल सरकार पराली जलाने पर पंजाब के किसानो कों जिम्मेदार मानती थी लेकिन जैसे ही पंजाब के तरफ से केंद्र का विरोध होने लगा वैसे ही केजरीवाल सरकार ने किसानों का दिल्ली में प्रदर्शन के लिए स्वागत किया। खाने पिने कि चिजे ले जाकर उनको प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। हर बात पर पलटी खाने वाली ये केजरीवाल सरकार संविधान का कितना आदर करती है ये कल मुख्यमंत्री के व्यवहार से सुनिश्चित हुवा।

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