वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद शिवलिंग मिलने के बाद जहां हिंदुओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वहीं उन लोगों की बोलती बंद हो गई है जो आदि देव महादेव के अस्तित्व पर सवाल उठाने चले थे. ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन विडंबना है कि कुछ लोग हिंदु धर्म में रहते हुए हिंदुओं के आराध्य को नहीं मानते हैं .इतना ही वहीं वे उन कट्टरपंथियों का साथ देते हैं जो सालों से हमारे धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं .
कुछ ऐसा ही हाल उन कट्टरपंथियों का हुआ है जो इतने तैश में आ गए कि शिव के अस्तित्व पर ही प्रश्न उठाने लगे वो भी उस स्थान पर जहां शिव के अतिरिक्त न कभी कुछ था और न कभी कुछ होगा। लेकिन झूठ को कब तक दबा कर रखा जा सकता था. जो झूठी कहानी कट्टरपंथियों ने गढ़ी थी उसकी पोल एक-एक करके खुलने लगी.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में बाबा विश्वनाथ का प्रकट होना हिन्दुओं के लिए तो बड़ी घटना है ही, साथ ही यह मुस्लिमों के लिए उससे भी बड़ी घटना है। क्योंकि इससे उनके कई झूठ सामने आएंगे। जो लोग बार बार कहते हैं कि वह तो शांतिपूर्ण लोग है, और भारत में इस्लाम शांतिपूर्ण तरीके से फैला है, यह झूठ खुलकर सामने आएगा। दरअसल इन लोगों ने जानते हुए कि तालाब में महादेव हैं, बावजूद वहां पर ये लोग वजू करते रहे. जैसे ही महादेव की मिलने की खबर सामने आयी तो पहले से जली भुनी मोहतरमा आरफा खानम शेरवानी ने विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया .
आरफा ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस रात की सुबह नहीं !
इस रात की सुबह नहीं …
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) May 16, 2022
लेकिन आरफा ये क्यों नहीं बता रही कि कथित गंगा-जमुनी तहजीब का नारा गाने वाले भीतर महादेव पर ही वजू कर रहे थे ? वहीं सोशल मीडिया पर हिंदु धर्म के लोग भी सवाल उठाने लगे हैं.
आप उन्हें इफ्तार पार्टी खिलाते रहे, वो शिवलिंग पर हाथ-पैर धोते रहे। आप मज़ारों पर कव्वाली गाते रहे, वो शिवलिंग पर कुल्ला करते रहे। कह दीजिए इसे भड़काऊ, पर सच तो यही है।
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) May 16, 2022
दरअसल इन लोगों को तो जवाब मिल गया लेकिन उन लोगों को क्या किया जाए तो सिर्फ नाम के ही हिंदु हैं बाकी उनकी सारी सहानुभूति दूसरे समुदायों के लोगों के साथ होती है. उनके ट्वीट को देख कर ये साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से बाबा भोलेनाथ के मिलने पर इनके खेमे में मातम छाया हुआ है.
दुनिया चाँद पर पानी ढूँढ रही है, भारत शिव लिंग ढूँढ रहा है।
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) May 16, 2022
जब देश लुट रहा है, महंगाई मार रही है, बेरोज़गारी बढ़ कर लोगों का गला दबा रही है, बच्चियों को उनके पहनावे कि वजह से पढ़ाई नहीं करने दी जा रही, तभी ऐसे घटिया लोगों को सदियों पहले का मंदिर दिखाई दे रहा है वह भी मस्जिद ही के नीचे। गोबर दिमाग़ का ज़बरदस्त उदाहरण है यह वाला। https://t.co/5JDYS3roam
— Mona Ambegaonkar (@MonaAmbegaonkar) May 16, 2022
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