गुरू तेगबहादुर जी के शरीर का दाह संस्कार करने वाला वीर हिन्दू भाई लखी शाह, औरंगज़ेब ने सिर कटवाकर कहा था कोई नहीं करेगा दाह संस्कार
औरंगज़ेब के डर से किसी में हिम्मत नहीं थी कि गुरुतेग बहादुर जी का अंतिम संस्कार किया जाए। तब हिन्दू लखी शाह ने ये हिम्मत दिखाई और मुगल सैनिकों के पहरे से बचते हुए गुरु जी के शव का रकाबगंज जगह पर अंतिम संस्कार किया।
कल का गर्व और आज की ग्लानि