शीर्षक पढ़ कर चौंक तो नहीं गए आप ?? जी हाँ ! ये शायद ही किसी को पता हो कि भारत के एक प्रदेश /क्षेत्र में ऐसा दशकों से चला आ रहा था जब स्कूलों में अवकाश रविवार को नहीं बल्कि जुम्मे के दिन यानि -शुक्रवार को होता था। ऐसा क्यों और किसके लिए किया जाता था/ होगा इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है।
लेकिन अब लक्षद्वीप प्रशासन ने हाल ही में जारी उद्घोषणा में – लक्षद्वीप के सभी विद्यालय और शिक्षण संस्थानों में शुक्रवार के स्थान पर रविवार को सरकारी अवकाश के रूप में लागू किए जाने बाबत परिपत्र जारी किया है।
इस नए परिपत्र में स्कूलों की नई समय सारिणी व ” हैप्पीनेस करीकुलम ” को भी लागू किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। अब खुद ही सोचिए और अंदाज़ा लगाइये कि , तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण कहाँ कहाँ तक किन किन नीतियों और नियमों को मनमाने तरीके से लागू किया और करवाया जाता रहा है। मगर अब नए भारत में सब कुछ बदल रहा है और दुरुस्त किया जा रहा है और शायद यही बात मुगलों और उनके ऊपर सिरपरस्ती का हाथ रखने वालों को अखर रही है।
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