केस अध्ययन: उमर खालिद की गिरफ्तारी एवं वामपंथी लिबरल समूह की देशविरोधी साजिश का खुलासा

विगत 14 सितम्बर 2020 का वो दिन जब टुकड़े गैंग का सदस्य एक खतरनाक बौद्धिक आतंकवादी उमर खालिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, ये दिवस हमारे लिए एक सौगात बन गया। महीनों से हम वामपंथी लिबरल समूह के बारे मे रिसर्च कर रहे थे एवं इनके इकोसिस्टम को समझने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन हमें अवसर नहीं मिल रहा था, क्यूंकी इनकी कार्यप्रणाली काफी मजबूत होती और आम इंसान समझ ही पाता, पर ये अपना देश विरोधी, समाज विरोधी अजेंडा युवा मशतिष्क पर थोप देते हैं।

लेकिन उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद हमें वामपंथियों का इकोसिस्टम, इनकी Agenda Setting Theory को समझने का अवसर मिला और एक रिसर्च तैयार हुई जो आपको ये बताएगी की इन लोगों का “सिस्टम” कैसे काम करता, ये कैसे झूठी खबरों की योजना बनाते एवं किस प्रकार योजना को कार्यवान्वित करते।

आपको ये जान कर आश्चर्य होगा की जब तक सच आपके पास पहुंचता है, इनके झूठ का पर्दाफाश होता, ये झूठी खबरें पूरी दुनिया घूम आती और अंतराष्ट्रीय मीडिया भी अंजाने मे वामपंथियों के बिछाए जाल मे फंस इनके अजेंडे पर काम करने लगती।

लेख आगे बढ़ाने से पहले आपको बताना चाहते की वामपंथी बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं। सन 1950 से लेकर आजतक ये सुनियोजित तरीके से उन तमाम राष्ट्रवादी बुद्धिजिवियों की #Ethnic_Cleansing करते आए जो वामपंथ से विरोधाभास रखते थे, एवं सच के साथ चलते थे। बड़ी सफाई से इन लोगों ने इतिहास को विकृत कर दिया, नतीजा आज सिस्टम मे इनकी पकड़ पहुत मजबूत हो गई और ये मनमाने तरीके से दबाव बना अपना काम निकाल लेते हैं।

आज जरूरत है देश मे लगी इस वामपंथ नामक दीमक पर उचित कीटनाशक का छिड़काव किया जाये ताकि देश को भीतर ही भीतर खोखला होने से बचाया जा सके।

वामपंथी लिबरल खेमा Agenda Setting इस प्रकार करता की किसी भी काल्पनिक कहानी को एक राष्ट्रीय मुद्दा बना आम जनता को उकसाते, समुदाय विशेष को उकसाते, नतीजा दिल्ली बंगलोर हिन्दू विरोधी दंगों जैसे भयावह कांड होते एवं, मुद्दा अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच जाता। इनकी कुटिल मंशा यही होती की किसी तरह सरकार एवं व्यवस्था पर दबाव बना अपराधियों को, आतंकवादियों को बचा ले जाएँ।

इसी Agenda Setting के तहत एक 10 सूत्रीय आतंकवादी बचाओ अभियान चलाया गया, कई तरह की काल्पनिक कहानियाँ रची गईं, नकली तथ्य गढ़े गए एवं नाना प्रकार के षड्यंत्र रच लोगों को भ्रमित किया गया, देश मे दंगे उकसाने का प्रयास किया गया। इस लेख इनके 10 Point Agenda यानि 10 सूत्रीय योजना का प्रमाण सहित पर्दाफाश करने की कोशिश की है हमने।

वामपंथियों का 10 सूत्रीय आतंकवादी बचाओ अभियान

  • Sympathy Card: दलाल मीडिया का इस्तेमाल कर सहानुभूति लहर बनाई जाये
  • Social Media Wave: सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सहानुभूति का प्रोपोगोंडा करो
  • Minimize The Crime Of Terrorist: फर्जी खबरों के आधार पर बौद्धिक आतंकवादी के अपराध छिपाओ
  • Create Fake Conspiracy Theory: समुदाय विशेष को भ्रमित करने के लिए घटना को साजिश का एंगल दो
  • Image Makeover Of A Terrorist: NDTV जैसे चैनल का इस्तेमाल कर आतंकवादी को मसीहा साबित करो
  • Create A Communal Angle: आतंकवादी की गिरफ्तारी को साम्प्र्दायीक एंगल दो ताकि देश मे हिंसा भड़के
  • Use Minority Card As Victim Card: माइनोरिटी कार्ड एवं विक्टिम कार्ड कभी एक्सपायर नहीं होते हमारे देश मे, इस्तेमाल करो बहुसंख्यकों को दोषी बनाओ।
  • Start Blaming Others: आतंकवादी के किए का इल्जाम किसी निर्दोष पे लगा दो, जैसे उमर खालिद के केस मे कपिल मिश्रा जी को फँसाने की साजिश रची गई
  • Defend Communal Rioters: दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों के सभी असली अपराधियों का बचाव करो, उन्हें विक्टिम दिखा बहुसंख्यक समाज का दोहन करो
  • Use Fake Fact Checkers To Washout Real Facts: प्रतीक सिन्हा जैसे फर्जी फ़ैक्ट चेकर के हाथों तथ्यों को छिपाओ, आतंकी के निर्दोष होने के फर्जी सबूत बनवाओ
  • Cry For Death Of Democracy: और अंत मे हाहाकार मचाओ, विश्व की सबसे बड़ी लोकतान्त्रिक व्यवस्था को अपमानित करो, सरकार, न्याय पालिका, पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा बल सभी को कटघरे मे खड़ा करो

बौद्धिक आतंकवादी उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद लिब्रांडु टुकड़े गैंग की रुदालियों ने सोशल मीडिया पर उपरोक्त 10 सूत्रीय आतंकवादी अभियान चलाया लेकिन ये खुद ही एक्सपोज हुए। कारण इनके पास समय की कमी थी, अचानक से गिरफ्तारी होने से योजना भी टुकड़ों मे बांटी गई, सभी ने योजना को मन मुताबिक चलाने का प्रयास किया और हमें मौका मिला हर कड़ी को पकड़ के इनके अजेंडा सेटिंग के तरीके को कलमबद्ध करने का। आईए अब हम और आप उपरोक्त बिदुओं का सूक्ष्म निरीक्षण करें एवं गहन चिंतन करें।

Step 1: Play Sympathy Card by hiring fake news creator media agencies

The Print, The Wire जैसी वामपंथी समर्थक मीडिया के माध्यम से झूठे लेख लिखवा बौद्धिक आतंकवादी के लिए सहानुभूति अर्जित करना। उमर खालिद केस मे इसे एक निर्दोष छात्र नेता एवं इतिहासकार सिद्ध करने का प्रयास किया गया जिसे मोदी सरकार बदले की राजनीति के उद्देश्य से निशाना बना बेवजह फंसा रही है।

Step 2: Create a Social Media Wave using Left Liberal Influencers

योजना का दूसरा चरण: सभी सोसल मीडिया मे इन्फ़्लुएन्सर अकाउंट के जरिये सहानुभूति का प्रोपोगोंडा करो। यहाँ लेफ्ट लिब्रल समूह का दूसरा खेमा लगा जो लगातार सोशल मीडिया पर उपरोक्त भ्रामक खबर फैलाएँगे, सेकुलरवाद, लोकतन्त्र की दुहाई दे एक मासूम आतंकवादी के समर्थन मे कटा तो ट्रेंड चलाते रहेंगे या मोदी सरकार के विरुद्ध आपत्तीजनक टिप्पणियाँ करेंगे।

यहाँ उल्लेखनीय बात ये हैं की दूसरे चरण की योजनानुसार कांग्रेस के शशि थरूर जैसे बड़े नेता, वामपंथी कविता कृष्णन, जेएनयू की वामपंथन एवं अलगाववादी नक्सली विचारधारा की वाहक शहला रशीद जैसे बड़े वामपंथी हैंडल, वामपंथी पत्रकार समूह सभी मे मिल झूठ और पाखंड का एक पहाड़ खड़ा कर दिया, और अन्तराष्ट्रिय स्तर पे मुद्दे को उठा दिया।

Step 3: Create Fake Narrative to Minimize the Crime of Intellectual Terrorist Umar Khalid

योजना का तीसरा चरण: वामपंथी खेमे को दिल्ली पुलिस द्वारा लगाई गई सभी धाराओं का ज्ञान था इसलिए उम्र खालिद के अपराधों को सोशल मीडिया मे बहुत कम करके बताया गया। वामपंथियों की ये कार्यप्रणाली है की तथ्यों को अपने अनुसार पेश करो, जिससे जनता ये समझे की एक छोटे से अपराध के लिए बड़ा दंड दिया जा रहा है।

एक फर्जी खबर उड़ाई गई की उमर खालिद को केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया की उसने जनता को जागरूक करने वाला एक भाषण दिया। चूंकि भारत का संविधान मे अभिव्यक्ति की आज़ादी है इसलिए ऐसे छात्र नेता को गिरफ्तार करना संविधान के विरुद्ध है। असत्य को आधार बना एक पूरा षड्यंत्र रचा गया एवं उन सभी तथ्यों को चालाकी छिपा लिया गया जो इसे अपराधी सिद्ध कर सकते। कुछ प्रमाण संलग्न कर रहे हैं।

Step 4: Create Fake Conspiracy Theory to confuse people

जब भी कोई आतंकी पकड़ा जाता तो वामपंथी मीडिया NDTV, India Today इत्यादि भाजपा सरकार की एक साजिश का नाम देते। वामपंथियों का ये पुराना हथियार है, हर उस मुद्दे को साजिश का नाम दे देते जहां उनको ये लगता की अब बच पाना मुश्किल है, जनता सत्य जान चुकी और भेद खुल ही गया समझो। ऐसे मे ये मीडिया का सहारा ले साजिश की झूठी कहानी बनाते ताकि लोग भ्रमित हों।

वामपंथी खेमे के इस काम की ज़िम्मेदारी कुख्यात वकील प्रशांत भूषण एवं हिन्दू विरोधी एवं देश विरोधी अखबार The Hindu ने उठाई। प्रमाण के लिए संलग्न इमेज देखिये:

Step 5: Image Makeover of a terrorist. Played Fake Social activist card

योजना का पांचवा चरण सबसे खतरनाक है, यहाँ एक काल्पनिक कहानी को सच बता इतिहास की पुस्तकों मे दर्ज करवा दिया जाता। एक माओवादी नक्सली विचारक उमर खालिद की इमेज मेक ओवर करना आसान नहीं, इसलिए ये काम अधिकतर रविश कुमार, राजदीप सरदेसाई, बरखा या सागरीका जैसे म्ंझे हुए खिलाड़ियों को दिया जाता जो अपनी प्रतिभा से किसी भी आतंकवादी को मसीहा बना सकते हैं।

खालिद की इमेज बदलने का बीड़ा इस बार NDTV के प्रणव राय ने उठाया। एक लेख लिखा गया जो सतही तौर पे तो मात्र उमर खालिद की गिरफ्तारी की न्यूज़ लग रही थी, लेकिन बड़ी सफाई से इस लेख मे Urban Naxal उमर खालिद का नाम United Against Hate नामक एक NGO संस्था से जोड़ा गया एवं ये प्रसारित किया गया कि खालिद ने दिल्ली हिंसा नहीं भड़काई, ना ही वो भड़काऊ भाषण देता। बल्कि वो तो ऐसी संस्था मे कार्यरत है जो धार्मिक एवं जातीय घृणा की हिंसा के विरुद्ध काम करी, इसे एकदम पाक साफ कर दिया गया।

Step 6: Create a communal angle of arrest to laid a platform for another riot

जब भी कोई खतरनाक आतंकवादी पकड़ा जाता, वामपंथी घटना को साम्प्र्दायीक रंग देना नहीं भूलते। नाना प्रकार के प्रपंच रचे गए जिनका इस्तेमाल कर अल्पसंख्यक समुदाय को उकसाया जाये, देश भर मे हिंसात्मक आंदोलन का बेस बनाया जाये और खालिद को बचाया जा सके। उद्देश्य एक, येन केन प्रकारेण अल्पसंख्यकों को पीड़ित एवं बहुसंख्यक हिंदुओं को अंतराष्ट्रीय स्तर आतंकवादी सिद्ध किया गया आगे देखें कैसे…..

सबसे पहले विदेशी मीडिया को भाड़े पे लिया जाता, जो फर्जी खबरें प्रसारित करता कि हिन्दू आतंकवादियों ने दिल्ली CAA प्रदर्शनकारियों पर जुल्म ढाये, उनके घरों को जलाया। फर्जी तथ्यों के आधार पे अपराधियों को निर्दोष एवं निर्दोष हिंदुओं को आतंकी घोषित कर देना बस यही उस मीडिया का काम है। प्रमाण के रूप मे संलग्न इमेज देखें, यहाँ साफ कहा जा रहा की दिल्ली दंगों मे मुसलमानों को मारा गया उद्रवादी हिंदुओं के द्वारा, जबकि कहानी बिलकुल उलट है। किसी भी हिन्दू ने ना तो हथियार उठाए और ना ही घरों की छत पर पत्थर जमा किए

इसके बाद BBC, Wire जैसी दंगा भड़काऊ मीडिया जो ईसाई मिशनरीयों द्वारा प्राप्त अनुदान से भारत मे कार्यरत हैं इस अजेंडे को आगे ले जातीं। नाना प्रकार के मिथ्या सबूत बनाए जाते, एक पक्षीय लेख लिखे जाते जो पूरी घटना को एक साम्प्र्दायीक रंग दे देता। यहाँ दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों मे हिंदुओं को ही दोषी साबित किया गया, जबकि सच ये है की कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हिंदुओं ने केवल पलायन किया है, कभी हथियार नहीं उठाए। फिर ये झूठी बदनामी क्यूँ?

Step 7: Use Minority card as Victim Card To create social anarchy

योजना का सातवा चरण: Victim Card & Minority Card वामपंथी उपरोक्त दो हथियारों का प्रयोग अंत मे करते,

  • जब उनके द्वारा उकसाने पर आतंकी शहर जला चुके होते या
  • दंगे फसाद कर चुके होते
  • मीडिया ने भी उन्हें क्लीन चिट दे चुकी होती

Urban Naxal उमर खालिद के लिए भी माइनॉरिटि एवं विकतीं कार्ड प्रयोग किए गए। इस काम मे विनोद कापरी, मोहम्मद जीशान, आरफा खानम शेरवानी जैसे लिबरल समूह एवं बॉलीवुड का तख्ती गैंग आगे आया। प्रमाण के रूप मे 2 ट्वीट संलग्न है:

Step 8: Start blaming others to prove terrorist as an innocent victim of system

आतंकवादी के गुनाह छिपा किसी और पर दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों का इल्जाम डाल देना ये वामपंथी विचारकों का एक खतरनाक हथकंडा है। उमर खालिद के केस मे इन लोगों ने माननीय कपिल मिश्रा को फँसाने का प्रयास किया गया। भारतीय और विदेशी दलाल मीडिया ने Fake News की पूरी एक सीरीज बनाई जिसे देश भर मे सोश्ल मीडिया मे प्रसारित किया गया। प्रमाण के रूप मे दो खबरों के प्रतिलिपि संलग्न है।

Step 9: Defend communal rioters, give clean chit to every hate mongers

योजना के इस चरण मे पुराने उदाहरण दिये जाते, उपरोक्त सभी पत्ते खेलने के बाद वामपंथी उमर खालिद जैसे आतंकवादियों से लोगों का ध्यान भटका पूरे के पूरे आतंकवादी समाज पर ले आते। इस दौरान अफजल, बुरहान वानी समेत जीतने भी आतंकवादी पकड़े गए उन्हें सामने लाते।

लोगों मे शक पैदा करते की जिस प्रकार उम्र खालिद को फंसाया गया उसी प्रकार पहले भी निर्दोषों को आतंकवादी बना सजा दे दी गई। ये तुम्हारी कौम के खिलाफ एक षड्यंत्र है। अगर कांग्रेस को वोट देते तो तुम सुरक्षित रहोगे। ऐसे झूठो की सरगना बनते राणा अय्युब जैसे साम्प्र्दायीक पत्रकार जिसे हर बार आतंकवादी शरीफ नजर आता और बहुसंख्यक समाज उनपर अत्याचार करता है।

Step 10: Use fake Fact Checkers to washout real facts, cry for death of democracy

योजना का अंतिम चरण तब लागू किया जाता जब वामपंथियों का विरोध चरम सीमा पर पहुँच चुका होता। ऐसे मे अल्ट न्यूज़ के प्रतीक सिन्हा जैसे फर्जी फ़ैक्ट चेकर सामने आते, उमर खालिद जैसों के SIMI इत्यादि आतंकवादी समूहों से जुड़ा होने का प्रमाण झुठलाते, खुद के बनाए हुए फर्जी तथ्य सामने रखते जिसे दिखा दिखा वामपंथी सोशल मीडिया मे हाहाकार मचा देते। बिना हिचक विश्व की सबसे बड़ी लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते, न्यायपालिका को कठघरे मे खड़ा करते, राष्ट्रीय सुरक्षा बालों तथा पुलिस पर नाना प्रकार से दोषी होने का आरोप लगाते।

वामपंथियों के उपरोक्त 10 सूत्रीय आतंकी बचाओ अभियान योजनाबद्ध तरीके से लागू किए गए। इन्हें देखने के बाद भी अगर कोई इन लोगों को देशभक्त कहता या इनसे प्रभावित होता ये अत्यंत दुर्भाग्य की बात है। याद रखिए हमें चीन या पाकिस्तान से कोई खतरा नहीं, हमारी सेना उनके हथियार उनके ही हलक मे घुसेड़ देगी। लेकिन हमें असली खतरा घर मे छिपे गद्दारों से हैं जो अपने स्वार्थ के लिए दीमक की तरह देश को खाये जा रहे हैं।

आप सभी पाठकों से अनुरोध है एक नया सामाजिक जागरूकता अभियान चलाएं, वामपंथियों की काली करतूतों के प्रमाण घर घर तक पहुंचायें ताकि हमारी आने वाली युवा पीढ़ी इन गद्दारों के झांसे मे आ अपने जीवन का एवं देश का सर्वनाश ना करे। ये लेख अगर अच्छा लगा तो कृपया शेयर अवश्य कीजिएगा, हम तो अब वृद्ध हो चले, राष्ट्र जागरण का भार अब आप लोगों के ही कंधों पर है।

जयहिंद
भारत की जय

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