पूरे देश में जिस तरह से धर्मांतरण के धंधेबाज हिंदुओं को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कर उन्हें इस्लाम कबूल करवा रहे हैं उसकी परतें धीरे-धीरे अब खुलती जा रही है. इसी कड़ी में यूपी ATS  के हाथ दो मौलाना लगे हैं जो मूक-बधिर बच्चों को निशाना बनाकर उनका धर्मपरिवर्तन करवाते थे.

ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित काकादेव हितकारी नगर का है जहां आदित्य गुप्ता नाम के लड़के को इस गिरोह ने अपना शिकार बनया. धर्मांतरण के बाद आदित्य जब अपने घर लौटा तो वो आदित्य नहीं रहा वो अब्दुल्ल कादिर बन चुका था . वो घर में सबसे छिप कर 5 वक़्त की नमाज अदा किया करता था। लेकिन जब घर वालों को इसकी भनक लगी तो मार्च में वो अपने घर से फरार हो गया। जिसके बाद परिवार के लोगों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. लेकिन 20 जून को अचानक अपने घर लौट आया . परिवार को उसके धर्मांतरण के बारे में जानकारी घर में तलाशी के दौरान मिले अब्दुल कादिर नाम के कन्वर्जन सर्टिफिकेट से हुई. हालांकि परिवार को अभी तक यह नहीं पता चला है कि असल में वह इस गैंग के चक्कर में कैसे फंस गया.

परिजनों ने बताया कि आदित्य के बैंक खाते में हर महीने सात हजार रुपये किसी  अनजान खाते से आते थे. जब बैंक रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि ये रकम खाड़ी देशों से भेजी जाती है. इससे इस बात पर मुहर लग गई कि पैसों का लालच देकर आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया गया. वह मूक बधिर है, जिसकी वजह से उसकी ही भाषा में उसे समझाकर ब्रेन वॉश किया गया. एटीएस ने दावा किया है कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद आदित्य को दक्षिण भारत भेज दिया गया था.   

बता दें आपको मोहम्मद उमर खुद धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना है. उसके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है. दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं. यूपी एटीएस के मुताबिक ये दोनों धर्मांतरण के लिए मूक-बधिर बच्चों और वयस्कों को टारगेट करते थे. कारण कि इनके मूक-बधिर होने के कारण धर्मांतरण की बात आसानी से किसी को पता नहीं चल सकेगी. मुनासिब है कि जिस तरह से धर्मांतरण करने वाला ये गिरोह पूरे देश में फैला है उससे धर्मंपरिवर्तन करने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है . जिसे लेकर यूपी ATS  लगातार इन दोनों मौलानाओं से पूछताछ कर रही है।  

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