ये साजिश है… ये साजिश है… ये साजिश ही है…

कृपया बहुत ध्यान से पूरी पोस्ट पढ़ें। यह सच जान कर आप बुरी तरह चौंक जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि देश में 28 पूर्ण राज्य तथा 8 केंद्रशासित प्रदेश (UT) समेत कुल 36 राज्य हैं।
लेकिन चौंकाने वाला तथ्य यह है कि आज सवेरे 8 बजे तक देश में कोरोना के कारण हुई 208330 मौतों में से आधे से ज्यादा 107602 (51.65%) मौतें केवल 6 राज्यों में हुईं हैं। इन 6 राज्यों में से 5 राज्य छत्तीसगढ़ (8312,) पंजाब (8909) राजस्थान (4084) झारखंड (2540), और महाराष्ट्र (67985 ) कांग्रेस तथा कांग्रेस गठबंधन शासित हैं। छठा राज्य वो दिल्ली (15772) है जिसका मुख्यमंत्री केजरीवाल है। क्या यह आंकड़ा चौंकाने वाला नहीं है कि इन 6 राज्यों में कोरोना के कारण हुईं मौतों की संख्या देश के शेष 30 राज्यों से भी अधिक है। यह तथ्य इसलिए और अधिक चौंकाता है क्योंकि इन 6 राज्यों की कुल जनसंख्या (34 करोड़) देश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या (139 करोड़) का मात्र 24 प्रतिशत ही है। उल्लेखनीय कर दूं कि कोरोना के कारण हुई सर्वाधिक मौतों वाले भाजपा शासित 6 राज्यों कर्नाटक (15306) उत्तरप्रदेश (12238), गुजरात (7010), मध्यप्रदेश (5519) हरियाणा (4118) तथा उत्तराखंड (2502) में आज सवेरे 8 बजे तक कुल 46693 मौतें हुई हैं। कांग्रेस तथा कांग्रेस गठबंधन एवं केजरीवाल शासित 6 राज्यों में इससे 60909 (130%) अधिक मौतें हुईं हैं। इससे भी अधिक चौंकाने वाला एक अन्य तथ्य यह भी है कि भाजपा शासित कुल 17 राज्यों तथा केंद्र शासित 7 राज्यों (UT) में कोरोना के कारण आज सवेरे 8 बजे तक हुई कुल मौतों की संख्या 57820 थी। यह संख्या देश में कोरोना के कारण हुई कुल 208330 मौतों का मात्र 27.75 प्रतिशत है।

उपरोक्त स्थितियां कांग्रेस तथा कांग्रेस गठबंधन एवं केजरीवाल शासित 6 राज्यों की सरकारों की नीति एवं नीयत को गम्भीर सवालों और संदेहों के कठघरे में कर देती हैं। हम सब देख चुके हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर किस तरह देश में लगातार भय और भ्रम फैला कर लोगों को वैक्सीन लगवाने से रोका। इतने संगीन हालातों में महाराष्ट्र की सरकार ने वैक्सीन की 5.5 लाख डोज बरबाद कर देने का सच स्वयं स्वीकार किया। कल ही अदालत में यह शर्मनाक खतरनाक सच उजागर हुआ कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की 52000 डोज को केजरीवाल सरकार छुपाये रही और अपने पास केवल 2500 इंजेक्शन होने की बात करती रही। लेकिन अदालत में सच सामने आ गया। कल ही यह भी सच उजागर हुआ कि ऑक्सीजन की एक एक बूंद के लिए तरस रही दिल्ली में रोजाना 500 सिलेंडर ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फैक्ट्री को केजरी सरकार ने 20 अप्रैल को ही बिना किसी कारण के ही बंद करा दिया। अदालत में यह भी सच उजागर हुआ कि केजरी की सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कम्पनी को अस्पतालों की पूरी और सही सूची ही कल तक नहीं सौंपी थी। उपरोक्त सारी करतूतों का एक ही भयंकर परिणाम निकला और उपरोक्त 6 राज्यों में कोरोना का कहर दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ता चला गया। इन सरकारों ने ऐसा क्यों किया.? अब इसे भी समझिये….

देश में कोरोना महामारी का कहर बेलगाम बेकाबू होता जा रहा है। उसकी विकरालता लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना के कहर पर नियंत्रण का हर प्रयास फिलहाल असफल हो रहा है। ऐसी खतरनाक परिस्थितियों में कांग्रेस के सर्वाधिक महत्वपूर्ण नेताओं में से एक तथा राजीव गांधी के समय से गांधी परिवार विशेषकर सोनिया गांधी के सर्वाधिक करीबी एवं विश्वसनीय पी. चिदम्बरम ने दो दिन पूर्व खुलेआम यह आह्वान कर दिया कि देश के लोग सड़कों पर उतर कर विद्रोह कर दें। आम आदमी की भाषा में चिदम्बरम के इस आह्वान का सीधा सा अर्थ यही है कि लोग सड़कों पर उतर कर दंगा करना शुरू कर दें। कल्पना करिए कि जब देश के हालात इतने नाजुक हों कि ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति के लिये सरकार को भारतीय वायुसेना के युद्धक हेलीकॉप्टर और जहाज तैनात करने पड़ गए हों, तब ऐसे गम्भीर हालात में देश का गृहमंत्री, रक्षामंत्री, वित्तमंत्री रह चुका व्यक्ति जब देश के लोगों को सड़कों पर उतर कर दंगा करने के लिए खुलेआम भड़का उकसाता तो उसके राक्षसी इरादे बहुत साफ दिखाई देने लगते हैं। कांग्रेस का नेता राहुल गांधी और उसकी बहन प्रियंका वाड्रा की जोड़ी भी पिछले कई दिनों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहरीले उकसाऊ भड़काऊ बयानों और आरोपों की मूसलाधार बरसात लगातार कर रही है। पी चिदम्बरम खुलेआम देश के लोगों से अपील कर रहा है कि सड़कों पर उतर कर विद्रोह कर दो।

इन स्थितियों को देखकर कल वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने ट्वीट कर के लिखा कि…

“अभी मेरी बात को ज़्यादातर लोग राजनीति प्रेरित कहेंगे, लेकिन सच यही है कि @narendramodi को घुटनों पर लाना है, असफल साबित करना है, इस एक प्रवृत्ति ने इस बार हालात बिगाड़े। राज्यों ने बेहद लापरवाह रवैया अपनाया। ठीकरा फोड़ने के लिए मोदी है, वाले अंदाज में। स्थिर होकर सोचिए, सच यही है।”

हर्षवर्धन त्रिपाठी की ही भांति कई लोगों ने कल यही बात अपने अपने तरीके से कही। लेकिन मेरा कहना यह है कि हुजूर इस खतरनाक साजिश को समझने में बड़ी देर कर दी। मैं पिछले एक साल से चिल्ला रहा हूं, लिख रहा हूं कि…. यह एक साजिश है जिसका एकमात्र ज़हरीला धर्मान्ध एजेंडा किसी भी क़ीमत पर इस देश की सत्ता से हिन्दुत्ववादी प्रधानमंत्री और उसकी सरकार को उखाड़ फेंकना है।

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