पश्चिम बंगाल में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे बंगाल का राजनीतिक पारा ऊपर चढ़ रहा है। हालात यहां तक हो गए हैं कि ममता को चोट का इमोशनल कार्ड खेलना पड़ रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो ममता को ये सब इसलिए करना पड़ रहा है कि ममता स्वयं नन्दीग्राम से चुनाव लड़ते हुए फंस गई हैं। नन्दीग्राम में अधिकारी परिवार का वर्चस्व रहा है औऱ वो वहां से लोकल हैं, नन्दीग्राम के लोकल आदमी तक को शुभेंदु अधिकारी नाम से जानते हैं।

ममता की मुश्किल की वजह नंदीग्राम का धार्मिक बंटवारा भी है। 5-6 सालों में नंदीग्राम में कई दंगे हुए हैं. जो ममता को परेशान कर सकता है… नंदीग्राम का धार्मिक समीकरण देखें तो, नंदीग्राम में 70% हिंदू हैं और 30% मुस्लिम है. अगर कुल वोटर की बात करें 2,13,000 वोटर में 1 लाख 51 हजार हिंदू वोटर हैं और 62 हजार मुस्लिम वोटर हैं। यही वजह है शुवेंदु तो शुवेंदु, बीजेपी के दूसरे नेता भी ममता को हराने की बात कह रहे हैं।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ‘ममता बनर्जी को अच्छे से पता है कि वो भवानीपुर से जीत  नहीं पाएंगी इसलिए वहां से भागी हैं. नंदीग्राम की जनता ने तय कर लिया है कि इस बार ममता बनर्जी को बाहर करना है. जनता ने बीजेपी को अपना समर्थन देने का पूरा मन बना लिया है. इस बार ममता बनर्जी की सरकार नहीं बनेगी.’।

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