जबसे कल लुटियन मीडिया गैंग की प्रशांत किशोर के साथ बातचीत लीक हुई है तभी से नई दिल्ली के आसपास के तमाम सेकुलर ठिकानों पर सन्नाटा सूंघ गया है। कल हुई बातचीत में प्रशांत किशोर ने भारतीय राजनीतिज्ञों को वह ककहरा सिखाया जो वह बीते कई सालों से सीख नहीं पा रहे हैं। लुटियन मीडिया गिरोहों को समझाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें मानना होगा.. हमें यह स्वीकार करना होगा कि पिछले 20 साल से पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को रिझाने की राजनीति की जा रही है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बंगाल में यह माना जाता है कि जिसको मुसलमान वोट देगा वही सरकार बनाएगा। कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल तीनों ने इसी तरह की राजनीति की है। प्रशांत किशोर ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि पिछले 20 साल से चली आ रही यह तुष्टीकरण की राजनीति ही पश्चिम बंगाल में मोदी की लोकप्रियता का प्रमुख कारण है।


अब कम से कम कांग्रेस ,समाजवादी पार्टी ,तृणमूल कांग्रेस ,शिवसेना ,एनसीपी ,डीएमके जैसी तमाम पार्टियों को यह सोचना चाहिए कि आखिर जब सारे लुटियन मीडिया गैंग के आगे प्रशांत किशोर यह बात स्वीकार कर रहे हैं और जोर देकर कह रहे हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति ही मोदी की लोकप्रियता का प्रमुख कारण है तो ऐसे में यह सभी राजनीतिक पार्टियां खुलेआम जुमे की नमाज के दिन जालीदार टोपी सर पर क्यों पहनती हैं?


इन तमाम सेकुलर गिरोहों को प्रशांत किशोर की इस बात से यह सबक लेना चाहिए कि उनके पास अभी भी वक्त है कि देश में बहुसंख्यक आबादी के हितों की भी बात की जाए। देश में अयोध्या -काशी -मथुरा की भी बात की जाए ,देश में गंगा यमुना नर्मदा गोदावरी की भी बात की जाए ,देश में मंगलवार के दिन माथे पर सिंदूर का तिलक भी किया जाए, देश में तेजी से हो रहे मिशनरी धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर भी बात की जाए। जिस दिन ये राजनीतिक पार्टियां प्रशांत किशोर की इस बात से सबक ले लेंगी उस दिन से देश की अवाम को सालों चुप रहकर किसी नरेंद्र मोदी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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